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सीकर में माधव सागर तालाब पर प्राचीन बोलता बालाजी मंदिर का लोकार्पण


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सीकर में माधव सागर तालाब पर प्राचीन बोलता बालाजी मंदिर का लोकार्पण

सीकर में माधव सागर तालाब पर प्राचीन बोलता बालाजी मंदिर का लोकार्पण

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : हरत कुमार

सीकर : सीकर में माधव सागर तालाब पर स्थित प्राचीन बोलता बालाजी मंदिर का मज्जगदुरु द्वाराचार्य अग्रपीठाधीश्वर व मलूकपीठाधीश्वर राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज के सानिध्य में लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा, सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, सांसद अमराराम, सभापति जीवण खान सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

पीठाधीश्वर राजेंद्रदास महाराज ने कहा- माधव सागर तालाब पर बना यह बहुत ही सुंदर मंदिर है। 7 सितंबर शनिवार को मंदिर का शिलान्यास किया गया था और आज मंगलवार को लोकार्पण किया गया। दोनों ही दिन शुभ है।

विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा- मंदिर की नक्काशी श्रीराम मंदिर अयोध्या के तर्ज पर बंसी पहाड़ के लाल पत्थर से की जाएगी। तालाब की सीढ़ियों पर लाल पत्थर लगाया गया है। बारिश से आने वाले पानी को डायवर्ट कर दूसरी ओर निकालने का इंतजाम किया गया है। प्राचीन तालाब के पास भव्य मंदिर बनने से यहां आने वाले लोगों को धार्मिक कार्यों के लिए बेहतर स्थान मिल सकेगा और इससे शहर के सौंदर्यकरण व पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

राजेंद्र पारीक ने बताया- बोलता बालाजी धाम की मूर्ति 95 साल पुरानी है जो अकाल राहत कार्य में तालाब की खुदाई के दौरान निकली थी। अकाल के वक्त राव राजा ने आमजन को काम देने के लिए माधव सागर तालाब की खुदाई करवाई थी। खुदाई पूरी होने के बाद काम रोक दिया गया था। कामकाज की मॉनिटरिंग करने वाले बिलास तिवाड़ी महाराज तालाब के पास ही रहते थे। तालाब से उन्हें कुछ आवाजें सुनाई देती थी। उन्होंने राव राजा की अनुमति से तालाब की ओर खुदाई करवाई। खुदाई पूरी होने पर खुदाई में बालाजी की मूर्ति निकली। इसलिए मंदिर को बोलता बालाजी का नाम मिला। राव राजा माधव सिंह ने यहां छोटा मंदिर बनवाकर मूर्ति स्थापित करवाई। मंदिर में सेवाकार्य की जिम्मेदारी बिलास तिवाड़ी महाराज को दी गई।

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