कटारिया बोले-मेरी कोई औकात नहीं थी कि मैं चुनाव लड़ूं:पंजाब के राज्यपाल ने उदयपुर में जनप्रतिनिधियों को दी सीख, कहा- हम अहसान नहीं जनता का कर्ज उतारे
कटारिया बोले-मेरी कोई औकात नहीं थी कि मैं चुनाव लड़ूं:पंजाब के राज्यपाल ने उदयपुर में जनप्रतिनिधियों को दी सीख, कहा- हम अहसान नहीं जनता का कर्ज उतारे
उदयपुर : उदयपुर के नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। इससे पहले इस बोर्ड के सभी पार्षदों का ग्रुप फोटो करवाया गया। इसके साथ ही सोमवार शाम को एलिवेटेड रोड के शिलान्यास के कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने बातों ही बातों में कई मैसेज दिए।
कटारिया ने अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा- मेरी कोई औकात नहीं थी कि मैं चुनाव व लड़ूं लेकिन जनता ने मुझे पैसा भी दिया और वोट भी दिए। उसकी बदौलत आज यहां पहुंचा हूं। आज भी जनता का कर्ज उतारने के लिए ही काम कर रहा हूं। उन्होंने एलिवेटड रोड में रोडा अटकाने वालों पर भी निशाना साधा और कहा कि जनहित का सोचना चाहिए।
क्या-क्या बोले कटारिया और जानिए उसके मायने
बिना नाम लिए डिप्टी मेयर पर निशाना
कटारिया बोले : कटारिया ने पार्षदों को संदेश दिया कि सिर्फ मैं ही बढूं और शहर दूसरे नंबर पर हो जाए तो गलत है। उन्होंने बातों ही बातों में कार्यक्रम में नहीं आए नाराज भाजपा के डिप्टी मेयर पारस सिंघवी पर निशाना साधा। कटारिया ने कहा-
हमारा शहर बढ़ेगा तो मैं बढूंगा, अगर शहर नहीं बढ़ेगा तो मैं क्या बढ़ सकता हूं। केवल सिर्फ मैं ही बढूं और शहर दूसरे नंबर पर हो जाए तो गलत है। कटारिया यहीं नहीं रुके आगे बोले- शहर नहीं बढ़े तो कोई मतलब नहीं, फिर आपने जनप्रतिनिधि होने का अधिकार ही खो दिया अगर ये विचार रखे तो।
मायने : भले ही कटारिया ने नगर निगम उदयपुर भाजपा बोर्ड के डिप्टी मेयर पारस सिंघवी का नाम नहीं लिया लेकिन सीधा निशाना उन पर ही था। बता दें कि व्यापारियों के संगठन के मुखिया होने के नाते उनका विरोध था कि सबकी सुनने के बाद इस पर काम करें। जब उनको विधानसभा में टिकट नहीं मिला तब बैठक कर कटारिया को खुले रूप से निशाने पर लिया था।
मैं यहां कोई काम करता हूं तो कोई अहसान नहीं करता
कटारिया बोले : हम भले ही वहां (पंजाब) बैठे है, कर्जदार तो यहां की जनता के है। बच्चे की तरह पालकर मुझे बड़ा किया। इस जनता का आशीर्वाद नहीं होता तो कौन भेजता मुझे।
मैं तो बहुत साधारण परिवार से हूं। मेरी कोई औकात नहीं कि मैं चुनाव लड़ूं लेकिन जनता ने मुझे पैसा भी दिया और वोट भी दिया और चलता रहा। मैं यहां कोई काम करता हूं तो कोई अहसान नहीं करता हूं। मुझे काबिल बनाया उसका कर्जा चुकाने का प्रयास करता हूं।
मायने : उनका जोर था कि गरीब से गरीब आदमी को यहां रोजी-रोटी से कैसे जोड़ सकें, इस पर काम करना चाहिए। जनता जीता देती है तो उसके बाद उसके सुख और दु:ख में साथ रहे और कर्ज उतारे।
एमएलए ताराचंद जिद्दी व्यक्ति जो दांत से पकड़ता कटारिया बोले-
एमएलए ताराचंद जैन जैसा जिद्दी व्यक्ति जो दांत से पकड़ता और छोड़ता नहीं, तब मैंने तो छोड़ दिया कि रोज कौन-कौन झगड़ा करें। एलिवेटेड रोड को लेकर जिस दिन पेशी थी, उस दिन ताराचंद जैन जोधपुर हाईकोर्ट में थे। कटारिया ने कहा- पहला विधायक जो है यह कहते है इस काम के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना होगा तो जाऊंगा।
मायने : ताराचंद जैन ने कर दिखाया और विरोध करने वालों की नहीं चलने दी। यहां भी नाम लिए बिना डिप्टी मेयर पर निशाना था।
चुनाव जीतने के बाद सबका काम करो
कटारिया बोले : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक ऐसे व्यक्ति है जिनके मुंह से कभी ना निकलता ही नहीं है। उनके पास मैं जाऊं या कांग्रेस और कामरेड का सांसद जाए तो भी वे ना कभी नहीं करते है। वे पार्टियों को तराजू में नहीं तोलते है, वे काम को तोलते है। उसके कारण से हर व्यक्ति उनसे बहुत प्रसन्न होता है।
मायने : राजनीति में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने होता है लेकिन जिस पद के लिए आप जीत जाते है। उसके बाद आप किसी पार्टी के नहीं आप जनता के होते है और पार्टियों को तराजू में तोले बिना सबका काम कीजिए।