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पंजाब हरियाणा में पराली जलाने से प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर : जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने ली अधिकारियों की बैठक


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पंजाब हरियाणा में पराली जलाने से प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर : जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने ली अधिकारियों की बैठक

एडवाइजरी जारी करने समेत विभिन्न एहतियात और बचाव के उपाय के संबंध में की चर्चा, नगर परिषद को सफाई में सावधानी बरतने के निर्देश, धूल उड़ाने की बजाय कचरा उठाने पर अधिक ध्यान देने के निर्देश, नगर परिषद के कार्मिकों को कचरा नहीं जलाने के निर्देश। जिला कलेक्टर की सलाह : श्वसन रोग से पीड़ित एवं बुजुर्ग आवश्यकता होने पर मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकले वाहनों का कम उपयोग करने की भी सलाह

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल

झुंझुनूं : जिले में हरियाणा व पंजाब में पराली जलाने से प्रदूषण के बढ़ने की संभावना के चलते जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने सोमवार को संबंधित अधिकारियों के साथ विशेष बैठक कर एहतियात बरतने और एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए हैं। रामावतार मीणा ने नगर परिषद आयुक्त मुकेश कुमार को निर्देश दिए कि नगर परिषद के कार्मिक कचरे को जलाए नहीं, बल्कि डिस्पोज करने पर जोर दें। वहीं झाड़ू इत्यादि लगाते वक्त कचरा उठाने पर फोकस रहे, ना की धूल उड़ाने पर।‌ उन्होंने यथासंभव सफाई का कार्य रात्रि के समय करने के भी निर्देश दिए हैं , ताकि वातावरण में धूल के कणों से आमजन को परेशानी नहीं हो। उन्होंने राजकीय बीडीके जिला अस्पताल में श्वसन रोगों से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ने की स्थिति में पूर्व तैयारी के संबंध में भी विस्तार से पीएमओ डॉ संदीप पचार से चर्चा की।

जिला कलेक्टर ने अधिकारियों कर्मचारियों समेत सभी लोगों से वाहनों के यथासंभव कम उपयोग करने की अपील की है। कलेक्टर मीणा ने कहा कि बुजुर्ग व बच्चे एवं श्वसन रोग से पीड़ित मरीज मास्क लगाकर ही बाहर निकलें। जिला कलेक्टर ने जिला परिवहन अधिकारी मखन लाल जांगिड़ को वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की नियमित और सघनता से जांच करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थिति गंभीर होने पर प्राथमिक कक्षाओं तक स्कूलों में अवकाश के संबंध में भी राज्य सरकार से मार्गदर्शन लेने के निर्देश सीडीईओ अनुसूया को दिए।

राजकीय बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ संदीप पचार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार आमजन के लिए निर्देश :

  • मास्क का उपयोग करें: बाहर निकलते समय अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करें।
  • खुली जगह में गतिविधियों से बचें: सुबह और शाम के समय बाहर व्यायाम या अन्य गतिविधियां न करें, जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है।
  • घर के अंदर रहें: जब वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो, तो घर के अंदर रहें और खिड़कियां व दरवाजे बंद रखें।
  • एयर प्यूरीफायर का उपयोग: यदि संभव हो, तो घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
  • जल का अधिक सेवन: अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें और ताजी सब्जियां व फल खाएं।
  • गर्भवती महिलाओं एवं कम इम्यूनिटी वाले लोगों को बढ़ते विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
  • वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर अस्थमा रोगियों के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। प्रदूषित हवा में मौजूद धूल, धुआं और रसायन सांस की नली में जलन और अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में अस्थमा रोगियों को विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है।
  • डॉक्टर द्वारा सुझाए गए इनहेलर और दवाएं हमेशा अपने पास रखें।
  • आवश्यकता पर डॉक्टर से संपर्क करें: यदि सांस लेने में परेशानी हो या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हों, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  • वाहन का उपयोग यथासंभव कम करें।
  • घरेलू कचरे को जलाने की बजाय कूड़ेदान में डिस्पोज करें।
  • भवन निर्माण के कार्य स्थल के आसपास पानी का छिड़काव करते रहें, ताकि धूल के कण वातावरण में नहीं फैलें।
  • आंखों में जलन अथवा सांस लेने में तकलीफ़ होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल अथवा चिकित्सक से संपर्क करें।

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