गुरुनानक देव जी का 555वां प्रकाश पर्व:गुरुद्वारे में गूंजा शब्द-कीर्तन, अटूट लंगर बरताया गया
गुरुनानक देव जी का 555वां प्रकाश पर्व:गुरुद्वारे में गूंजा शब्द-कीर्तन, अटूट लंगर बरताया गया

सीकर : गुरु नानक देव जी के 555 वें प्रकाश उत्सव पर सीकर के पोलो ग्राउंड स्थित श्री गुरु नानक कल्याण गुरुद्वारा सिंह सभा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुबह 9 बजे अरदास की गई। जिसके बाद रागी जत्थों ने कीर्तन के माध्यम से संगतों को निहाल किया।

गुरुद्वारा साहिब में भव्य सजावट की गई। प्रकाश पर्व पर सतगुरु नानक प्रकटया मिटी धुंध जग चानण होया, नानक नाम जहाज है, चढ़े सो उतरे पार, आर नानक पार नानक जैसे गुरुबाणी शब्दों से गुरुद्वारा गूंज रहा था। गुरुद्वारा साहिब में स्कूली बच्चों व संगतों ने पहुंचकर गुरु की सेवा की। दोहपर 1:30 बजे अरदास के बाद गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। लंगर बनाने व छकाने में महिलाओं, बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और सेवा की। सेवादारों ने दाल, सब्जी, रोटी व खीर का लंगर बरताया।

गुरुद्वारा साहिब के पाठी बलविंदर सिंह ने गुरुबाणी कीर्तन में गुरुनानक देव जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा- नानक देव को मानवता के लिए समानता, प्रेम और सेवा का संदेश देने के साथ-साथ समाज में अज्ञानता को दूर करने के लिए भी जाना जाता है। नानक देव जी का जीवन सामाजिक सुधारों का भी प्रतीक है। उन्होंने एकेश्वरवाद पर जोर दिया, जो यह बताता है कि ईश्वर एक है। उनके विचार जाति, पंथ और लिंग के भेदभाव को खत्म करने के लिए प्रेरित करते हैं।
