चूरू : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और नेचर एनवायरमेंट एण्ड वाइल्डलाइफ सोसायटी, ताल छापर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को छापर नगर पालिका सभागार में विधिक चेतना शिविर आयोजित किया गया।
शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव डॉ शरद कुमार व्यास ने कहा कि आज के समय में कानून का ज्ञान होना नितांत आवश्यक है। व्यक्ति को कानून द्वारा प्रदत्त अपने अधिकारों को सही उपयोग में लेने के लिए विधिक जागरूकता आवश्यक है। प्राधिकरण द्वारा आयोजित किए जाने वाले जागरूकता शिविरों का मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति तक न्याय पहुंचाना है। यह तभी संभव है जब लोगों को अधिकतम भागीदारी रहेगी तथा उन्हें अपने अधिकारों की पूर्ण जानकारी होगी।
उन्होंने बताया कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 39-ए समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 22 (1) में भी राज्य के लिए कानून के समक्ष समानता, सभी के लिए समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने वाली कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य है। डॉ व्यास ने बताया कि वर्ष 1987 में संसद द्वारा कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम बनाया था, परन्तु अधिकारिक रूप से 09 नवंबर, 1995 को यह लागू हुआ तभी से 09 नवम्बर से 14 नवम्बर तक विधि चेतना सप्ताह मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि अन्याय से बड़ी कोई टीस नहीं होती जो भीतर ही भीतर चुभती हैं। कुंठाओं का शमन बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता सूर्य प्रकाश स्वामी ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किये जा रहे ऐसे शिविरों का लाभ आमजन को मिलता है, जो सबको न्याय प्रदान करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं।
इस अवसर पर अधिशाषी अधिकारी डॉ सहदेवदान चारण, रतनगढ़ नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष संतोष बाबू इंदौरिया ने भी विचार व्यक्त किए। नगर पालिका अध्यक्ष श्रवण कुमार माली ने आभार जताया। संचालन साहित्यकार डॉ घनश्याम नाथ कच्छावा ने किया। इस दौरान सेवानिवृत सीबीईओ कुलदीप व्यास, नानकराम तापड़िया, चंद्रप्रकाश पेडीवाल, सत्यनारायण स्वामी, पार्थ सोनी, प्यारेलाल, वंदना राठौड़, जितेंद्र तंवर, एडवोकेट ज्योति राठौड़, अन्नपूर्णा सुथार, नानूराम कुल्हाड़ियां, गोपाल सुथार, सत्यनारायण सारस्वत, बृजदान सामौर, गजानंद स्वामी आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।