चूरू : दिल्ली पुलिस की फर्जी महिला थानेदार के मामले में साहवा पुलिस ने फर्जी थानेदार के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर नकली मोहर व मोहर बनाने की मशीन जब्त की है। पुलिस ने फर्जी महिला थानेदार के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। साहवा पुलिस ने महिला की निशानदेही पर दिल्ली स्थित फ्लैट से उसकी वर्दी सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
साहवा थानाधिकारी अल्का बिश्नोई ने बताया कि दिल्ली पुलिस की फर्जी महिला एसआई अंजू शर्मा से पूछताछ की गई थी। जिसमें सामने आया कि इस पूरे मामले में बांय तारानगर निवासी भजनलाल छिम्पी (38) सहयोगी रहा है। इसके अलावा नकली मोहर बनाने की मशीन भी पुलिस ने जब्त की है। थानाधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में फर्जी महिला थानेदार का सहयोग करने वाले प्रमोद प्रजापत और भजनलाल को गिरफ्तार कर लिया है। जिनसे पूछताछ कर दोनों को जेल भेज दिया गया है। वहीं, नकली महिला थानेदार को भी कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
डीआईजी तक की नकली मोहर बनवाई
साहवा थानाधिकारी ने बताया कि अंजू शर्मा का पूरा कामकाज भजनलाल संभालता था। अंजू शर्मा के कहने पर भजनलाल ने प्रमोद प्रजापत की प्रिंटिंग प्रेस से दिल्ली पुलिस के डीआईजी की नकली मोहर तक बनवा ली थी। इसके अलावा भी दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों की मोहर तक बनवा रखी थी। जब कोई भी व्यक्ति इनका शिकार बन जाता तो भजनलाल छिम्पी जाकर रुपए का लेनदेन करता था। आठवीं पास भजनलाल शुरू से ही इसके साथ मिला हुआ था। मामले में गिरफ्तार आरोपी प्रमोद प्रजापत के खुद की प्रिंटिंग प्रेस है। भजनलाल के कहने पर यह मोहर बनाई गई थी।
12 जनों को बनाया शिकार
दिल्ली पुलिस के फर्जी महिला थानेदार के मामले में सामने आया कि अब तक अंजू शर्मा ने 12 जनों को अपना शिकार बनाया है। जिसमें केवल तीन लोग पुलिस के सामने आए हैं। जिन्होंने बयान दिए हैं। इसके अलावा बाकी पीड़ित अभी सामने नहीं आ रहे हैं। नकली थानेदार के पास से 10 युवकों के मूल दस्तावेज जब्त किए हैं।