झुंझुनूं : झुंझुनूं सांसद बृजेन्द्र ओला ने झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव को लेकर कहा है कि उनका परिवार चुनाव नहीं लड़ना चाहता था लेकिन पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी और टिकट दे दी। पार्टी ने कहा कि किसी अन्य व्यक्ति को टिकट दी गई तो जमानत जब्त हो जाएगी। दरअसल, कांग्रेस ने उपचुनाव में झुंझुनूं से बृजेन्द्र ओला के पुत्र अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है।
सांसद ओला ने अपनी लोकसभा चुनाव के दौरान कही बात भी दोहराई। उन्होंने कहा कि वे लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ना चाहते थे। पार्टी से कहा था कि विधायक ही ठीक हूं, लेकिन पार्टी नहीं मानी और मुझे टिकट देकर भेज दिया।
ओला ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा-सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है। आदमी और सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। लेकिन इनको पता नहीं कि झुंझुनूं वाले कितने बहादुर हैं, वे किसी से नहीं डरते।
साधारण चुनाव नहीं, सरकार लड़ रही है चुनाव
बृजेन्द्र ओला ने रविवार रात को मण्ड्रेला रोड़ पर जनसंपर्क कार्यक्रम में कहा- लोकसभा चुनाव में तो जनता ने आशीर्वाद देकर मुझे दिल्ली भेज दिया। उस समय दिल्ली में बैठी सरकार 400 पार का नारा दे रही थी और बडे़-बडे़ नेताओं ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। यहां तक कि कांग्रेस के लोगों ने भी टिकट वापस लौटा दी थी। लेकिन मैंने उस परिस्थिति में चुनाव लड़ा। जनता के आशीर्वाद से दिल्ली गया।
उन्होंने कहा कि यही परिस्थिति विधानसभा उपचुनाव में थी। मैंने पार्टी को उपचुनाव के लिए मना कर दिया था। पार्टी से कहा था कि किसी और को उम्मीदवार बना लो, लेकिन पार्टी ने कहा कि किसी दूसरे को प्रत्याशी बनाया तो जमानत जब्त हो जाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह साधारण चुनाव नहीं है, सरकार खुद चुनाव लड़ रही है।
सरकारी कर्मचारियाें को धमका रहे
लोगों को संबोधित करते हुए सांसद बृजेन्द्र ओला ने प्रदेश भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है। आम आदमी और सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। लेकिन इनको पता नहीं कि झुंझुनूं वाले कितने बहादुर हैं। ये लोग ज्यादा पैसे वाले नहीं, मेहनत करके पैसे कमाते हैं, इनका सरकार क्या बिगाड़ लेगी, जो बिगाड़ना था वो बिगाड़ लिया।
लोग देंगे जवाब
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने निःशुल्क दवा योजना को डायवर्ट कर दिया। इलाज के लिए पहले सरकार 25 लाख रुपए देती थी, उसे 5 लाख कर दिया। हमारी सरकार ने सामाजिक पेंशन योजना में हर साल 15 प्रतिशत बढ़ोतरी करती थी, कानून पास कर दिया था, उसको भी लागू नहीं किया। बिजली पर जो सब्सिडी थी, उसे भी नए तरीके अपनाकर वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वो कुछ भी कर लें, यहां के लोग माकूल जवाब देंगे।