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जयपुर में राजघराने के लिए होती थी लाइटिंग:75 साल के इतिहास में हुए कई बदलाव; मुस्लिम परिवार ने जयपुर में बनाई अयोध्या नगरी


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जयपुर में राजघराने के लिए होती थी लाइटिंग:75 साल के इतिहास में हुए कई बदलाव; मुस्लिम परिवार ने जयपुर में बनाई अयोध्या नगरी

जयपुर में राजघराने के लिए होती थी लाइटिंग:75 साल के इतिहास में हुए कई बदलाव; मुस्लिम परिवार ने जयपुर में बनाई अयोध्या नगरी

जयपुर : जयपुर में हर साल दीपावली पर जगमगाने वाली रोशनी का इतिहास करीब 75 साल पुराना है। इसकी शुरुआत जयपुर के राजघराने से हुई थी। दीपावली पर सिटी पैलेस, आमेर महल, गोविंद देवजी और राजमहल पैलेस को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया जाता था। फिर जौहरी बाजार सजाया जाने लगा। धीरे-धीरे पूरे जयपुर को रोशनी से सजाया जाने लगा।

जयपुर में राजा महाराजाओं के वक्त लाइटिंग की शुरुआत 1951 में सरदार ठाकुर सिंह ने की थी। यह परिवार और इनकी 250 लोगों की पूरी टीम आज भी दिवाली पर जयपुर में 90% लाइटिंग और डेकोरेशन कर रही है। अब सरदार ठाकुर सिंह के छोटे पोते पृथ्वी पाल सिंह इस काम को संभाल रहे हैं।

जयपुर के जौहरी बाजार स्थित एलएमबी साल 2000 से पहले कुछ इस तरह लाइटिंग की जाती थी।
जयपुर के जौहरी बाजार स्थित एलएमबी साल 2000 से पहले कुछ इस तरह लाइटिंग की जाती थी।

पृथ्वीपाल सिंह एक चार्टेड अकाउंटेड थे। जो अपना काम संभाला करते थे। लेकिन सितंबर 2020 में पिता सरदार त्रिलोचन सिंह और भाई राजा का निधन हो गया। इसके बाद लोगों ने माना था कि जयपुर में जिस लाइटिंग की शुरुआत सरदार ठाकुर सिंह ने संभाली थी, अब वह बंद हो जाएगी। अब कोई और ही इस परंपरा को निभाएगा। ऐसे में पृथ्वीपाल सिंह ने अपना मूल पेशा छोड़कर विरासत से चले आ रहे काम को संभाला। इसके लिए एमबीए भी किया। पृथ्वीपाल के लिए यह शुरुआत इतनी आसान नहीं थी। उन्हें शुरुआती दौर में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

1995 के समय लाइटिंग में ट्युबलाइट का ज्यादा उपयोग होता था और स्वास्तिक का प्रचलन था।
1995 के समय लाइटिंग में ट्युबलाइट का ज्यादा उपयोग होता था और स्वास्तिक का प्रचलन था।

उन्होंने बताया- सितंबर 2020 में मैंने अपने भैया और पापा को खोया। नवंबर में दिवाली थी। दादा-पिता के समय जो विश्वास एलएमबी होटल को हमारे ऊपर था। उसी 75 सालों के विश्वास की बदौलत उन्होंने कहा कि बेटा तू अगर एक बल्ब भी चला देगा वह भी हमारे लिए खुशी होगी। उस समय मैंने एक नई इन्वेंटरी डिजाइन की। इसमें पिक्सल डिजाइनिंग की गई। पूरी बिल्डिंग को 80 हजार पिक्सल से भर कर इतिहास बनाया। जब इसको चालू करने का टाइम आया तो टाइम पर चालू नहीं हो पाई।

मैंने मजदूरों के साथ खड़े होकर एक-एक पिक्सल को अपने हाथों से डिजाइन किया। कंप्यूटर से जोड़ा और 80 हजार पिक्सल बनाने का रिकॉर्ड जयपुर की एलएमबी होटल के नाम दर्ज हुआ। एलएमबी होटल उस साल प्रथम विजेता रहा।

पृथ्वीपाल सिंह और उनकी मां रणदीप कौर सम्मानित हुए।
पृथ्वीपाल सिंह और उनकी मां रणदीप कौर सम्मानित हुए।

राम को डिडेकेट रही इस बार की लाइटिंग और डेकोरेशन

पृथ्वी पाल सिंह ने बताया- 2024 की दिवाली इस बार श्री राम को डेडिकेट थी।सजावट की तैयारी 6 महीने पहले शुरू की थी। आज सभी छोटी काशी को अयोध्या नगरी के रूप में देख रहे हैं। जौहरी बाजार में हर जगह प्रतिष्ठानों पर श्री राम की छवि दिखाई गई है। सब जगह जय श्री राम हमको दिखाई दे रहे हैं। राजा पार्क में एक राम दरबार आयोजित किया गया है। राम मंदिर की झलक पूरे राजा पार्क में दिखाई दे रही है। वहां पर आप जहां पर भी आगे चलते जाएंगे तो आपको राम-राम, राधे-राधे, बांसुरी संग मोर मुकुट सब दिखाई दे रहे हैं। राम जी आपको आशीर्वाद देते हुए मिल रहे हैं।

सरदार ठाकुर सिंह ने भैरोसिंह शेखावत को तलवार भेंट की थी।
सरदार ठाकुर सिंह ने भैरोसिंह शेखावत को तलवार भेंट की थी।

16 बाय 40 फिट की अयोध्या रही आकर्षण

बापू बाजार में राम थीम पर राम जी के मुकुट बनाए गए हैं। जहां पर भी हम कदम रखेंगे दीपक देखने को मिल रहे हैं। दीपक की सुनहरी रोशनी देखने को मिल रही है। जैसे कि सारे ही जयपुर वासी श्री राम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस तरह नेहरू बाजार, बापू बाजार लिंक रोड, इंदिरा बाजार को सजाया गया है। मुख्य प्रतिष्ठानों, सभी प्राइवेट और गवर्नमेंट बिल्डिंग पर राम जी की आभा और अयोध्या देखने को मिल रही है। इस बार के मुख्य आकर्षण नंद किशोर मेघराज ज्वेलर्स के ऊपर 16 बाय 40 फिट की अयोध्या है। जहां पर साक्षात 40 फिट के श्री राम बैठे हुए नजर आ रहे हैं। जयपुर वासियों को अपना आशीर्वाद दे रहे हैं। उसी के आगे सीता जी के स्वयंवर की झांकी सजाई गई है।

मुस्लिम परिवार ने बनाई जयपुर के जौहरी बाजार को अयोध्या

यह दिवाली सिर्फ एक वर्ग की दिवाली नहीं है। यह हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई सबका मिलन है। इस दिवाली में लाइटिंग और डेकोरेशन करने के लिए 80% लेबर बाहर से आई है। कोलकाता और ग्वालियर से बुलाई गए मजदूर जो कि अयोध्या बनाने में सिर्फ एक आदमी नहीं खड़ा ढाई सौ लोगों का का पूरा कारवां इस बार जयपुर को अयोध्या बनाने में जुटा रहा। जिसके अंदर हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई सब ने अपना खून पसीना एक कर दिया। जौहरी बाजार में अयोध्या का सपना शकील खान और मुन्ना खान जो कि मुस्लिम है उन्होंने पूरा किया। उनकी मेहनत और अन्य कारिगरों के सहयोग से अयोध्या से भी सुंदर अयोध्या राम जी के आगमन के लिए जयपुर में की जौहीर बाजार में देखने को मिली और जहां-जहां भी हम आगे जा रहे हैं जय श्री राम के जयकारों के साथ पूरा जौहरी बाजार गूंज उठा।

बता दें कि शकील खान और मुन्ना खान सरदार ठाकुर सिंह के समय से ही इस काम को अंजाम दे रहे है। शकील भाई और मुन्ना भाई ने अयोध्या बनाने के टाइम पर मास, मदिरा का सेवन उन्होंने बंद कर दिया और जैसे कि एक सात्विक जीवन होता है उसको जीना शुरू किया। उनका कहना था कि हम अयोध्या बनाएंगे तो राम जी की सेवा का मौका हमें मिलेगा। हम सबके साथ मिलकर इसे बनाएंगे।

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