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झुंझुनूं-सूरजगढ़ : अनोखी पहल: बेटी के जन्म पर घर जाकर बिना नेग दुआएं देती है नैना किन्नर


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झुंझुनूं-सूरजगढ़ : अनोखी पहल: बेटी के जन्म पर घर जाकर बिना नेग दुआएं देती है नैना किन्नर

बेटियों के जन्म पर नैना किन्नर बिना नेग लिए आशीर्वाद देने घर-घर पहुंच रही है। नैना का कहना है कि बेटों के जन्म पर लोग रुपए देकर हमसे आशीर्वाद देने को कहते हैं तो फिर बेटियां बिना आशीर्वाद के क्यों रहें?

झुंझुनूं-सूरजगढ़ : बेटियों के जन्म पर नैना किन्नर बिना नेग लिए आशीर्वाद देने घर-घर पहुंच रही है। नैना का कहना है कि बेटों के जन्म पर लोग रुपए देकर हमसे आशीर्वाद देने को कहते हैं तो फिर बेटियां बिना आशीर्वाद के क्यों रहें? बेटी के जन्म की सूचना मिलते ही वह अपनी टीम के साथ घर पहुंचकर बिना पैसे लिए नाचती-गाती और दुआएं देकर चली आती हैं।

नैना ने बताया कि वे इसलिए ऐसा करती हैं ताकि लोग बेटियों को बोझ न समझें, उन्हें लावारिस न बनाएं… उन्हें भी जीने दें। आए दिन लावारिस हालत में बेटियों को फेंकने की घटनाओं ने उनको झकझोर दिया है। अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ संदेश को भी घर-घर पहुंचा रही हैं। बेटियों के जन्म पर नैना लोगों को जलवा, कुआं पूजन और दसोटण जैसे कार्यक्रमों के लिए भी प्रेरित कर रही हैं।

10 लड़कियों की करा चुकी शादी:
नैना अभी तक 10 से अधिक लड़कियों की शादी में आर्थिक मदद कर चुकी है। लॉकडाउन में उन्होंने तमाम लोगों को रोटी-पानी से लेकर हर तरह की मदद की। इसी तरह 10 बच्चों को अपने पैसों से पढ़ाई करवा रही है। बच्चियों के लिए समय-समय पर खेलों का आयोजन भी करवाती है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण के लिए भी वे चंदा जुटाती है। गायों की सेवा करते हुए वे अक्सर दिख जाती है।

पढ़ाई में मदद के लिए हर समय तैयार:
आठवीं पास नैना किन्नर ने बताया कि हालातों ने भले ही उन्हें पढऩे नहीं दिया, मगर वह बच्चों में शिक्षा का उजियारा फैलाना चाहती है। वह कहती है कि शिक्षा ही हमें सामाजिक कुरीतियों से दूर कर सकती है। वह किन्नर समाज को भी शिक्षा से जोडऩे की मुहिम भी चला रही है।

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