गहलोत बोले- पार्टी हारे तो कार्यकर्ताओं पर फर्क पड़ता है:हरियाणा में रिजल्ट से एक दिन पहले तक बीजेपी नेता कह रहे थे, कांग्रेस जीत रही
गहलोत बोले- पार्टी हारे तो कार्यकर्ताओं पर फर्क पड़ता है:हरियाणा में रिजल्ट से एक दिन पहले तक बीजेपी नेता कह रहे थे, कांग्रेस जीत रही

जयपुर : पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने माना है कि हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस की हार का कुछ असर राजस्थान के पार्टी वर्कर के मनोबल पर होगा। गहलोत ने कहा- हरियाणा के चुनाव रिजल्ट का असर राजस्थान पर नहीं पड़ेगा। लेकिन, कोई पार्टी चुनाव हारती है तो कार्यकर्ताओं में चाहे प्रदेश हो या देश हो, उस पर थोड़ा बहुत तो फर्क पड़ता है। यह हमें स्वीकार करना चाहिए।
गहलोत ने कहा- हरियाणा में कैसे हुआ, समझ से परे है। रिजल्ट से एक दिन पहले तक तो बीजेपी के नेता कह रहे थे, कांग्रेस जीत रही है। बीजेपी नेता कह रहे थे। हमने बड़े नेताओं की सभाएं सीमित कर दी हैं। वो खुद बोल रहे थे। इसके बाद परिणाम सबको चौंकाने वाला आ गया। गहलोत दिल्ली से लौटने के बाद जयपुर में मीडिया से बात कर रहे थे।
परिणाम की तह तक जाना जरूरी
गहलोत ने कहा- हरियाणा के चुनावी नतीजों का पोस्टमॉर्टम हो रहा है। हम गहराई में जाएंगे कि वास्तव में क्या हुआ? देश-दुनिया देख रही थी कि कांग्रेस जीत रही है। सब कह रहे थे, कांग्रेस जीत रही है। इसके बाद अचानक क्या हुआ कि अनपेक्षित परिणाम आ गए। चौंकाने वाले परिणाम हैं। इसलिए इसकी तह तक जाना जरूरी हो गया है।
हरियाणा में जो हुआ, ऐसा मैंने पहली बार देखा है। फिर ईवीएम पर शक होता है। गठबंधन करते तो क्या हो जाता, तमाम बातें आती हैं। ~ अशोक गहलोत पूर्व सीएम
चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार रहेगा
पूर्व सीएम ने कहा- अब जो पार्टी हार जाती है तो बात करते हैं, गुटबाजी थी। ओवर कॉन्फिडेंस हो गया, जातिगत समीकरण बदल गए। ये तीन-चार बातें होती रहती हैं। ईवीएम के बारे में भी हमने शिकायत की है। इलेक्शन कमीशन के जवाब का इंतजार रहेगा। जो हालात बने हैं, ये चुनाव में पहली बार देख रहे हैं।
जिन योजनाओं को दूसरे राज्य अपना रहे, राजस्थान सरकार बंद कर रही
गहलोत ने कहा- राजस्थान में हमारी योजनाएं कितनी शानदार थीं। मुझे कहते हुए गर्व है कि पूरे देश के राज्यों में उन्हें अपनाया जा रहा है। ऐसी योजनाओं को बंद करने से इनको नुकसान है। जनता को तकलीफ हो रही है। इन्हें बंद करने का कोई दुख नहीं है। सोशल सिक्योरिटी की स्कीम हैं। उन पर तो ध्यान देना चाहिए।
सरकार ठेकेदारों का पेमेंट नहीं कर पा रही है। विधवाओं, एकल नारी, दिव्यांगों को पेंशन नहीं दे रही है। चिंता का विषय उनके लिए होना चाहिए।
जब गरीबों को फ्री राशन मिल रहा था, सरकार बदल गई। नए मुख्यमंत्री आए हैं तो उनकी फोटो लग जाती, स्कीम क्यों बंद की? ऐसे फैसलों से जनता में तकलीफ और आक्रोश है।
नई सरकार बनी है तो हमारी शुभकामनाएं इनके साथ रहेगी कि यह सरकार 5 साल पूरे करे। गुड गवर्नेंस रहेगी तो जनता का भला होगा, यह हमारा मानना है। विपक्ष में रहते हुए अगर कोई कमेंट किए जाते हैं तो उन्हें फीडबैक के आधार पर लेना चाहिए।