मुस्लिम महापंचायत में समाज ने रखी विधानसभा उपचुनाव में मुस्लिम को टिकट देने की मांग
आलाकमान एवं सांसद ओला मुस्लिम समाज की 30 बिरादरी में से किसी भी मुस्लिम व्यक्ति को टिकट दे अन्यथा मुसलमान आपका बंधवा मजदूर नहीं
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं : मुस्लिम न्याय मंच के बैनर तले जिला मुख्यालय स्थित ईदगाह मैदान में आयोजित मुस्लिम महापंचायत में उमड़े जन सैलाब ने लिया संकल्प। वक्ताओं ने कहा कि हम मुसलमान कांग्रेस के वफादार है और आलाकमान को विधानसभा उपचुनाव में टिकट मुस्लिम समाज को देनी चाहिये। महापंचायत में मुस्लिम न्याय मंच के संयोजक ईमरान बड़गुजर ने स्वागतीय भाषण देते हुये कहा कि हम मुसलमान पार्टी के वफादार सिपाही है। हमारे सुख दुख में वर्तमान सांसद कभी भी नहीं आते है। महापंचायत का आगाज कुरान ए तिलावत से मौलाना शकरूदीन साहब ने किया।
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार ने कहा- कि आजादी से लेकर आज तक कांग्रेस पार्टी ने हमें कभी भी विधानसभा का टिकट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि फिर भी हम वफादार कांग्रेसी है। चोपदार ने कहा कि मैंने आलाकमान से टिकट मांगी है और आज ऐले ऐलान कह रहा हूं कि अगर माननीय सांसद को मेरे से कोई अदावत या नाराजगी है तो मुझे टिकट मत दो, मगर मुस्लिम समाज की 30 बिरादारी 75,000 वोट में से ओला साहब किसी भी मुसलमान को टिकट दे दे हम पार्टी के साथ है, उम्मीदवार को जीताकर विधानसभा में भेजेगे।
मुसलमान हमेशा से कांग्रेस के साथ रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने 1998 में एक मुस्लिम को कैंडिडेट बनाकर भेजा, लेकिन हमने कांग्रेस के लिए उसकी जमानत जब्त कर दी। 2008 में कांग्रेस के लिए अपने ही समाज के नेता की राजनीति हत्या कर दी।
मण्डावा में 2013 में सलीम तंवर ने बसपा से चुनाव लड़ा, हमने कांग्रेस का साथ दिया। फिर 2018 में सलीम तंवर ने मण्डावा विधानसभा से बीजेपी से चुनाव लड़ा, हमने कांग्रेस का साथ दिया और हमने अपने समाज के भाजपा के उम्मीदवार को हरवा दिया।
वफादारी का एक और उदाहरण मुसलमानों ने 2018 के विधानसभा पेश किया, जहां टोंक से बीजेपी के प्रत्याशी यूनुस खान को हराकर कांग्रेस प्रत्याशी सचिव पायलट को विजयी बनाया। और कितनी वफादारी पेश करें।
हमने कभी जाति धर्म की बात नहीं की, हमने सिर्फ सिंबल देखा। लोकसभा के चुनाव हुए तो झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्र झुंझुनू, मंडावा और फतेहपुर से मुसलमानों ने शत प्रतिशत वोट देकर सांसद बृजेन्द्र ओला को लीड दिलवाई। जबकि 5 विधानसभा से हार कर आए। जहां जीतकर आए, वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। मुसलमानों की वोट की वजह से वो जीतकर आए। पार्टी का सिंबल, जज्बा, वफादारी हमारे ही हिस्से में है, तो क्या कांग्रेस पार्टी का दायित्व नहीं बनता है कि उपचुनाव में मुसलमान को टिकट दे। हमारी वफादारी में कमी नहीं है। हरियाणा में मुसलमानों ने अपने 5 पांच उम्मीदवार जितवाए है।
जमीयत ए ओलमा के प्रदेश सचिव मौलाना वाहिद खत्री ने कहा कि राज मांगा नहीं जाता राज छीना जाता है। उन्होंने नवलगढ़ का उदाहरण देते हुये कहा कि डॉ. राजकुमार शर्मा ने दो बार राज छिना है तब जाकर उनको कांग्रेस की टिकट मिली है।
पूर्व जिला कलेक्टर असफाक हुसैन ने कहा कि मुझे दुख है कि झुंझुनूं के मुसलमानों की कांग्रेस पार्टी कदर नहीं करती है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अगर मेरी कही भी जरूरत महसूस हो तो मैं इस 30 बिरादरी के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा रहूंगा। महापंचायत को संबोधित करते हुये वरिष्ठ पार्षद मकबूल हुसैन ने वक्फ जैसे बिल पर माननीय सांसद साहब का चुप रहना एवं हमारी सुरक्षा के लिये कभी भी नहीं आना इसका हमें दुख है। आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर मुस्लिम समाज की अनदेखी की गयी तो कांग्रेस की टिकट बैरंग लौटा देंगे।
शिक्षाविद मास्टर युनुस अली भाटी ने संबोधित करते हुये कहा कि कान्हा पीर पहाड़ का मामला हो या याकुब तगाला की हत्या का मामला हो या जहांगीर के करंट लगने से मौत का मामला हो, माननीय सांसद साहब ने कभी भी हमारी सूध बूध नहीं ली। अब वक्त आ गया है कि कांग्रेस पार्टी झुंझुनूं के किसी भी मुस्लिम व्यक्ति को टिकट दे और जीताकर विधानसभा में भेजे।
इस्लामपुर के सरपंच आमीन अली मनीयार ने कहा कि हम कांग्रेस के वफादार सिपाही है। आलाकमान हमें टिकट दे अन्यथा हमें दूसरा रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। शिक्षाविद इंजी. इब्राहीम खान ने महापंचायत को संबोधित करते हुये कहा कि कांग्रेस मुसलमानों की कभी भी वफादार नहीं रही, लेकिन आज इस मुस्लिम महापंचायत में मुझे ये महसूस हुआ कि अगर कांग्रेस पार्टी किसी मुस्लिम व्यक्ति को टिकट देती है तो मैं उसके साथ हूं।
महापंचायत में समाजसेवी अजीज खां मण्ड्रेला, खादिम खोखर, उस्मान खां मालीगांव, गुलाम हुसैन हांसलसर आदि वक्ताओं ने भी महापंचायत को संबोधित करते हुये कहा कि ये उपचुनाव मुसलमानों के आईन और राजनीतिक कैरियर का सवाल है। कांग्रेस आलाकमान मुस्लिम समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट दे अन्यथा टिकट बैरंग लौटा देंगे।
महापंचायत में पूर्व कलेक्टर जाकिर हुसैन, हाजी अलादीन खां, नईमुदीन अडू, इम्तियाज तगाला, जाकिर झुंझुनूंवाला, जाकिर चोपदार, डॉ. युनुस अली, अतीकुर रहमान कुरैशी, असतअली खां चायल, अब्बास सैयद, इकबाल खां गांगियासर, बबलू चोपदार, अकरम चोपदार, रफीक चोपदार, लतीफ खानजादा, इस्तियाक कुरैशी, सालिम खानजादा, साहिल कुरैशी, इमरान इस्लामपुरिया, युनुस रंगरेज, सरीफ अली, बाबु भाई अली हसन, जमालुदीन केड, मास्टर आमीन अली भाटी, मौलाना शेर मोहम्मद, मुफ्ती इमरान साहब, हाफिज मुमताज, पूर्व सभापति खालिद हुसैन, रियाज फारूकी, पार्षद जब्बार फूलका, पार्षद इसाक फूलका, उस्मान गनी, रफीक गावस्कर, हाजी शरीफ धोबी, सलीम धोबी, आमिर शेखावाटी, अनीष कुरैशी, इमरान राईन, सलीम डंडा, शब्बीर फूलका, एडवोकेट इरशाद फारूकी, इमरान फारूकी, तौफीक पठान, तौफीक खान, डॉ. अखलाक, शमशाद खां जाबासर, जाकिर सिदकी, शाहीन खां गुड्डू, सलीम सब्जीफिरोश, कासिम सब्जीफिरोश सहित हजारों की संख्या में मुस्लिम बिरादारी के लोग मौजूद थे। महापंचायत का संचालन अजहर हुसैन ने किया एवं आभार शकील खान फौजी ने किया।