श्रीराम ने धनुष तोड़ सीता से नाता जोड़ा, लक्ष्मण परशुराम संवाद
श्रीराम ने धनुष तोड़ सीता से नाता जोड़ा, लक्ष्मण परशुराम संवाद

खेतड़ी नगर : केसीसी के रामलीला मैदान में चल रही दस दिवसीय रामलीला महोत्सव के दुसरे दिन शुक्रवार को सीता स्वयंवर व लक्ष्मण परशुराम संवाद का मंचन किया गया। माता सीता का स्वयंवर के लिए राजाजनक ने दूर दूर के राजाओं को आमंत्रण दिया। दूर-दूर से आए राजाओं ने स्वयंवर में रखे विशाल धनुष को कोई भी राजा धनुष तोड़ना तो दूर उसे हिला भी नहीं सके। तब राजा जनक का विलाप सुन कर विश्वामित्र ने भगवान राम से कहा उठऊ राम भंजु भव चापा, मिटहु तात जनक परितापा। तब भगवान श्रीराम ने गुरु की आज्ञा पाकर विशाल धनुष को दो भागों में कर सीता से स्वयंवर किया। धनुष टूटने के बाद परशुराम वहा पहुंच कर क्रोधित हो जाते है। राजा जनक से धनुष तोड़ने वालों के बारे में पुछने लगे तो लक्षमण मुस्कराते हुए कहने लगे बहु धनुहि तोड़ी लरकाई जिसे सुन परशुराम क्रोध में आ जाते हैं, जिससे लक्ष्मण परशुराम में संवाद होता है। लीला में ताड़का वध, अहिल्या उदार का मंचन भी किया गया।
रामलीला में दशरथ का किरदार राजू चौहान, जनक का नरेश मीणा, विश्वामित्र का राजकुमार, राम का कि संजय जिंदड़, लक्ष्मण का हिमांशु, सीता का राजेश नारवाल, परशुराम मुरारी कर्मचंदानी, रावण का चुन्नी लाल, ताड़का केशर चावला, सुमंत हरीश शर्मा, मारिच सीताराम, राजागण मनोहर, भविष्य, कालू, हरिश, सोनू आदि कलाकारों ने मंच निदेशक राजकुमार, सह निदेशक नारू व नेमीचंद के सानिध्य में मंचन किया। इस दौरान पूर्व में परशुराम का किरदार निभाने वाले रामस्वरूप इंदोरिया का देहांत होने पर कलाकारों ने दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजली दी। मंच संचालन विमल शर्मा ने किया। इस मौके पर अभिषेक पारीक, श्यामसिंह चोहान, राजेश डाढेल, घनश्यामदास, मुकेश मीणा, रमेश कुमार, मातादिन शर्मा, आलोक जैदिया, अमित ठोलिया, रामवीर चनेजा, विजेश शर्मा, राधा कृष्ण, राजेश दौचानिया, उत्तम सोलंकी, हिम्मत बंसल, राजकुमार मरोड़िया सहित सैंकड़ों दृश्कों ने लीला का आनंद उठाया।