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नेता प्रतिपक्ष जूली बोले-CM कोई फैसला नहीं ले पा रहे:बारिश में सरकार की पोल खुली; मंत्रियों की नहीं सुनते मुख्यमंत्री


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नेता प्रतिपक्ष जूली बोले-CM कोई फैसला नहीं ले पा रहे:बारिश में सरकार की पोल खुली; मंत्रियों की नहीं सुनते मुख्यमंत्री

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली आज झुंझुनूं के दौरे पर हैं। पत्रकारों के साथ सर्किट हाउस पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा आजकल मीडिया से घबराती है। पहले खबर छपने पर कार्रवाई होती थी, अधिकारियों के पैर कांपते थे कि अब क्या होगा?

झुंझुनूं : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने झुंझुनूं में शनिवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार फेल हो गई है। सीएम भजनलाल कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं। वे मंत्रियों की नहीं सुनते। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली आज झुंझुनूं के दौरे पर आए। उन्होंने सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा सरकार के मंत्रियों पर बड़ा हमला बोला। झुंझुनू के प्रभारी मंत्री की अधिकारियों के साथ होने वाली समीक्षा बैठकों को नेता प्रतिपक्ष जूली ने असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि पहले मीडिया में खबर छपती थी तो उस पर कार्रवाई होती थी, विधानसभा में आवाज उठती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। शिक्षा मंत्री पर दुनिया भर के मुकदमे चल रहे हैं, चाहे तो रिकॉर्ड उठाकर देख लो, उन्हें बदले जाने की जरूरत है।

टीकाराम जूली शनिवार को झुंझुनूं में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आए थे। इस दौरान सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने ये बातें कही। टीकाराम जूली ने कहा-

QuoteImage 9 महीने में भाजपा सरकार तीन मौकों पर फेल रही। गर्मी में बिजली-पानी की व्यवस्था में विफल रही। बारिश में इनकी पोल खुल गई। पूरे प्रदेश में सड़कों को बहुत बुरा हाल है। नाले-सीवरेज की सफाई में फेल हो गई। राजधानी जयपुर तक का हाल नहीं सुधार पाए। QuoteImage

उन्होंने कहा- मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को हर जिले में भेजा। मंत्रियों के हाथ में कुछ नही है। मंत्रियाें की कोई सुनता नहीं, पूछता नही। मंत्रियों की मुख्यमंत्री नहीं मानते। खुद मुख्यमंत्री की ही नहीं चल रही है। राजस्थान के सीएम कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं।

झुंझुनू जाते समय सीकर में जयपुर-झुंझुनू बाइपास पर जूली का स्वागत किया गया।
झुंझुनू जाते समय सीकर में जयपुर-झुंझुनू बाइपास पर जूली का स्वागत किया गया।

शिक्षा मंत्री बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर प्रहार करते हुए जूली बोले- शिक्षा मंत्री बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे। पहले दिन ऑर्डर निकालते हैं, दूसरे दिन वापस ले लेते हैं। प्रदेश में शिक्षा मंत्री बदलने की जरूरत है। इसके बाद ही विभाग में सही से काम होंगे।

शिक्षा मंत्री आदेश देते हैं कि टीचर स्कूल में मोबाइल नहीं लेकर जाएंगे। दूसरे दिन आदेश आता है कि शिक्षक मोबाइल से बच्चों का डेटा तैयार करें। अगर अध्यापक के पास मोबाइल नहीं होगा तो वह डेटा कैसे तैयार करेगा। उन्होंने कहा-

QuoteImageवे कहते हैं कि कांग्रेस अकबर महान पढ़ा रही थी, हम महाराणा प्रताप महान पढ़ाएंगे। उन्हें कौन समझाए कि सिलेबस एनसीईआरटी तैयार करती है, जो केंद्र के अधीन है। QuoteImage

शिक्षा मंत्री सिर्फ जाति धर्म की बात कर आपस में तनाव पैदा कर रहे हैं। 9 महीने में शिक्षा के लिए उन्होंने एक शब्द नहीं कहा।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से झुंझुनूं जाते समय रास्ते में मिले कांग्रेस नेता।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से झुंझुनूं जाते समय रास्ते में मिले कांग्रेस नेता।

यमुना नहर के पानी को लेकर गुमराह किया

नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा- यमुना नहर के पानी के नाम पर सरकार शेखावाटी की जनता को गुमराह कर रही है। लोकसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री यहां आए। यमुना समझौते को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की। भागीरथ बनकर स्वागत करवाए। अलवर गए, वहां भी स्वागत करवाए।

झुंझुनूं में यमुना पानी के समझौते के लिए और अलवर ईआरसीपी के लिए गए थे। लेकिन 9 महीने बाद भी शेखावाटी को यमुना का एक बूंद पानी नहीं मिला। ईआरसीपी के एमओयू का भी कोई असर सामने नहीं है। एमओयू को सरकार ने छुपा रखा है।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि कांग्रेस ने यमुना समझौते को लेकर कभी बात ही नहीं की। ये सरासर गलत है। हमारी सरकार ने 2001 में यमुना जल को लेकर हरियाणा की चौटाला सरकार से पहली वार्ता की थी। 2003 में हमारी सरकार ने प्रयास किया।

एमओयू तैयार किया, लेकिन हरियाणा सरकार ने अपने हितों को देखते हुए मना कर दिया और एमओयू पर साइन नहीं किए। 2012 में हम सीडब्लूसी में गए और हमने लड़ाई लड़ी। 2017 और 19 में भी हमने प्रयास किए। मामले को कोर्ट में भी लेकर गए। उन्होंने कहा-

QuoteImageयमुना जल को लेकर भाजपा ने हरियाणा से जो एमओयू किया है, इससे राजस्थान के हितों की रक्षा नहीं होगी। पानी सही अनुपात में नहीं मिलेगा। पहले हरियाणा की पूर्ति होगी, फिर जो बचेगा वो राजस्थान को मिलेगा। QuoteImage

उन्होंने कहा- भाजपा ने राजस्थान के हितों को हरियाणा में गिरवी रख दिया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जब जयपुर आए थे। तब उन्होंने खुद कहा था कि हरियाणा की पूर्ति होने के बाद ही राजस्थान को पानी मिलेगा, अन्यथा राजस्थान को पानी नहीं दिया जाएगा।

ईआरसीपी के लिए मध्यप्रदेश में हुए समझौते में भी राजस्थान को गिरवी रख दिया है।

राजस्थान में चरम पर है अपराध

उन्होंने कहा- प्रदेश में क्राइम चरम सीमा पर है। कुछ ही महीनों में दो-दो बार कलेक्टर -एसपी बदल दिए। झुंझुनूं में दलित युवक की शराब माफियाओं ने पीट-पीट कर हत्या की। मामला उजागर होने के बाद भी दलित परिवार की मदद नहीं की।

प्रदेश में हर दिन 19 महिलाओं के साथ रेप के मामले सामने आ रहे हैं। 26 दलितों के साथ हर रोज एट्रोसिटी के मामले दर्ज हो रहे हैं।

तबादलों की लिस्ट जारी हो रही, जॉइन नहीं कर रहे अधिकारी

तबादलों पर जूली ने कहा- लिस्ट जारी होने के बाद भी अधिकतर अधिकारी जॉइन नहीं कर रहे। भाजपा सरकार असमंजस की स्थित में है। इन्हें खुद ही पता नहींं कि क्या करना है। हमारी सरकार ने जो काम मंजूर किए थे उन कामों पर भाजपा ने रोक लगा दी। वर्क ऑर्डर और टेंडर जारी होने के बाद भी उन्हें रोक दिया।

दिसंबर 2023 में भाजपा सरकार ने आदेश जारी किया था कि पूर्व सरकार के सारे कामों पर रोक लगा दी जाए। इसका खामियाजा पूरे प्रदेश को भुगतना पड़ रहा है। अभी जो काम चल रहे हैं वो भी हमारी ही सरकार के हैं।

भाजपा ने अपनी तरफ से अभी तक कोई काम नहीं किया है। आमजन से जुड़ी जितने भी योजनाएं हमने संचालित की, उन्हें भाजपा सरकार बंद कर रही है।

किस हैसियत से जिले बदलने की बात कर रहे हैं

जूली ने कहा- भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने 15 दिन पहले बयान दिया कि हम 6 जिले बदल रहे हैं। इस पर हमने कहा था कि आप किस हैसियत से जिले बदलने की बात कर रहे हैं। न तो उस कमेटी के मेंबर हैं, न ही सरकार का हिस्सा हैं।

इस पर प्रदेशाध्यक्ष ने बयान पलटा था। इसके बाद डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।

हम चाहते हैं कि राजस्थान में और भी जिले बनें। आमजन को नजदीक ही प्रशासनिक सेवाओं को लाभ मिले। अगर भाजपा की सरकार दुर्भावना और राजनीतिक दृष्टि से काम करेगी तो हम इसका विरोध करेंगे।

टीकाराम जूली से मुलाकात करते कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता।
टीकाराम जूली से मुलाकात करते कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता।

किरोड़ी खुद को मंत्री मान रहे हैं

किरोड़ी लाल के मंत्री पद से इस्तीफे पर बोलते हुए जूली ने कहा- 3 महीने होने को आए लेकिन स्पष्ट नहीं है कि किरोड़ीलाल मीना का इस्तीफा मंजूर हुआ या नहीं। वे रूटीन के काम कर रहे हैं। सरकार कह रही है कि हमने उनको मना लिया है। किरोड़ीलाल खुद को विधायक ही मान रहे हैं।

सरकार का एक मंत्री इस्तीफा दे उस पर भी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। स्थिति साफ होनी चाहिए। किरोड़ी आपदा राहत मंत्री हैं। राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। सैंकड़ो लोग मर गए। उस समय आपदा मंत्री नजर नहीं आए। उनकी जिम्मेदारी बनती थी।

ये लोग (सरकार) जिस प्रकार से काम कर रहे है, मैं समझता हूं कि राजस्थान में पहले ऐसी परिपाटी कभी नहीं रही।

जूली से जब पूछा गया कि शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को भी नहीं बदला गया है तो उनका कहना था कि शिक्षा मंत्री को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री का तो पुराना रिकॉर्ड है, दुनिया भर के मुकदमे चलते रहते हैं, शिक्षा पर उन्होंने 9 महीने में एक शब्द भी नहीं बोला। उन्होंने प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पर उनका कहना था कि सातों की सातों सीटें कांग्रेस पार्टी जीतेगी।

उपचुनाव में कांग्रेस जीतेगी सातों सीटें

उपचुनाव पर जूली ने कहा- प्रदेश में सातों जगह कांग्रेस की जीत होगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जिला प्रभारी नियुक्ति कर दिए हैं, कमेटियां बना दी हैं। लगातार बैठकें हो रही हैं।

इस दौरान जिला प्रभारी विधायक मनोज मेघवाल, रामसिंह कस्वां, मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार, जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा, सुनील झाझड़िया, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष राहुल जाखड़ सहित कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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