जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : एनसीसी मुख्यालय द्वारा मिले दिशा निर्देश पर विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस मनाया गया है इसके तहत एनसीसी कैडेट्स के लिए एक विशेष व्याख्यान और अभ्यास का आयोजन किया गया। 2 राज बटालियन एनसीसी चूरू के अन्तर्गत कार्यक्रम की यह कड़ी विश्वविद्यालय की एनसीसी इकाई द्वारा आयोजित की गई।
डॉ. संजीव ने कैडेट्स को आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक उपचार देने की बारीकियां सिखाईं। उन्होंने सीपीआर, धड़कन जांचने समेत अन्य महत्वपूर्ण प्राथमिक उपचार प्रक्रियाओं की जानकारी दी। डॉ. संजीव ने बताया कि दुर्घटना, चोट, कटने, जलने और सर्पदंश जैसी आपात स्थितियों में प्राथमिक उपचार कितना महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने समझाया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में सबसे पहले 108 नंबर पर एंबुलेंस बुलाकर, जरूरतमंद व्यक्ति को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ देवेंद्र सिंह ढुल ने सभी एनसीसी कैडेट्स को उनके समर्पण और सामुदायिक सेवा के प्रति तत्परता के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया की प्रशिक्षण से कैडेट्स आपातकालीन स्थितियों में समुदाय की सेवा के लिए सक्षम होंगे।
एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉ अरुण कुमार ने अपने व्याख्यान में बताया की अचानक चोट लगने या बीमार होने की स्थिति में, पेशेवर सहायता के आने से पहले खड़े लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वैश्विक स्तर पर, प्राथमिक चिकित्सा प्रावधान की इच्छा, आवृत्ति और गुणवत्ता बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा ज्ञान की कमी के कारण खराब है, लेकिन उचित प्रशिक्षण के साथ इसमें सुधार किया जा सकता है। इसलिए, विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस चिकित्सा आपात स्थितियों के दौरान एक दर्शक बनने के लिए बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा कौशल रखने के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
कार्यक्रम में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग से डॉ उज्ज्वल, ईएसएम कैप्टन जय सिंह, अंडर ऑफिसर प्रेमपाल और अंडर ऑफिसर मोनू कुमारी समेत विश्वविद्यालय के सभी एनसीसी कैडेट्स मौजूद रहे।