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एटीएस जांच में खुलासा:संबंधित कंपनियों के पास नहीं मिला इनका डाटा, 15 जयपुर आरटीओ में रजिस्टर्ड, 21 जब्त


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एटीएस जांच में खुलासा:संबंधित कंपनियों के पास नहीं मिला इनका डाटा, 15 जयपुर आरटीओ में रजिस्टर्ड, 21 जब्त

एटीएस जांच में खुलासा:संबंधित कंपनियों के पास नहीं मिला इनका डाटा, 15 जयपुर आरटीओ में रजिस्टर्ड, 21 जब्त

जयपुर : पिछले 10 वर्षों में प्रदेश के 51 डीटीओ कार्यालय के कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही से सड़कों पर चोरी के 2394 वाहन चल रहे हैं। इसमें 15 वाहनों का रजिस्ट्रेशन जयपुर आरटीओ में हुआ है। इसका खुलासा एटीएस जांच में हुआ है। इसमें सामने आया कि इन सभी वाहनों का पुन: रजिस्ट्रेशन राजस्थान के 51 डीटीओ कार्यालय में नॉर्थ-ईस्ट राज्यों से फर्जी तरीके से एटीएस लेकर किया गया है।

एटीएस ने ऐसे 21 वाहनों को जब्त भी किया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि राजस्थान में रजिस्टर्ड 2394 वाहनों का डाटा संबंधित कंपनियों के पास भी नहीं है। ऐसे में ये वाहन चोरी के होने की संभावना है, जिनका अवैध इंजन नंबर और चैचिस नंबर लगा कर नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराया गया, क्योंकि वहां ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन होते हैं। ऐसे में उनके पास भी कोई डाटा नहीं होने से आसानी से फर्जी दस्तावेज तैयार करा कर रजिस्टर्ड करवा लिए। एटीएस अब फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी करेगी।

इन कंपनियों से सत्यापन
एटीएस ने राजस्थान में रजिस्टर्ड हुए 3446 वाहनों का डाटा संबंधित कंपनियां को भेजा गया। इसमें टाटा कंपनी के 2196, अशोक लेलैंड के 459, महिंद्रा के 353, टेफ के 113 और आइसर के 38 वाहनों का डाटा भेजा गया। इसमें से केवल 765 वाहनों का ही डाटा मिला है।

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