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कलेक्टर ने एसडीएम को और उन्होंने तहसीलदार को दी थी कुर्की की जिम्मेदारी


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कलेक्टर ने एसडीएम को और उन्होंने तहसीलदार को दी थी कुर्की की जिम्मेदारी

कलेक्टर ने एसडीएम को और उन्होंने तहसीलदार को दी थी कुर्की की जिम्मेदारी

झुंझुनूं : झुंझुनूं नगरपरिषद की चल अचल संपत्ति कुर्की की कार्यवाही के लिए बुधवार दोपहर दो बजे झुंझुनूं तहसीलदार टीम सहित नगरपरिषद कार्यालय पहुंचे। वे वहां जिला उपभोक्ता आयोग के 8 महीने पहले जारी कुर्की व वसूली वारंट की पालना में गए थे। लेकिन उस वक्त लंच टाइम होने से नगरपरिषद आयुक्त दफ्तर में नहीं मिलीं जिससे कार्यवाही नहीं हो पाई। आयुक्त का आधा घंटे इंतजार कर तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी, गिरदावर अमीलाल, पटवारी धर्मेंद्र मीणा की टीम बैरंग ही लौट आई।

इस मामले में गौर करने वाली बात यह है कि तहसीलदार को आयोग द्वारा जारी कुर्की एवं वसूली वारंट की पालना में नगरपरिषद कार्यालय तक पहुंचने में आठ महीने लग गए। जबकि नगरपरिषद कार्यालय की दूरी तहसील कार्यालय से महज आधा किलोमीटर है। उपभोक्ता आयोग ने अफोर्डेबल स्कीम में आबंटियों को फ्लैट्स के कब्जे नहीं देने पर 100 परिवादों में नगरपरिषद के खिलाफ जारी किए थे कुर्की व वसूली वारंट। शहर में मंड्रेला रोड पर जनसहभागिता आवास योजना के तहत डवलप की जा रही कॉलोनी के अधिकांश आबंटियों को 15 साल बाद भी फ्लैट्स का कब्जा नहीं मिला है। करीब 400 आबंटियों ने जिला उपभोक्ता आयोग की शरण ली थी।

इनमें से 100 से अधिक परिवादों में करीब 5 करोड़ रुपए की वसूली के लिए आयोग ने इसी साल जनवरी में नगरपरिषद की चल अचल संपत्ति कुर्क करने के वारंट जारी कर कार्यवाही के लिए झुंझुनूं कलेक्टर को भेजे थे। इस मामले में कार्यवाही के लिए कलेक्टर ने झुंझुनूं एसडीएम को अधिकृत किया था और एसडीएम ने झुंझुनूं तहसीलदार को कुर्की एवं वसूली के लिए आदेश दिए थे। इसकी पालना में आठ महीने बाद बुधवार को तहसीलदार कार्यवाही करने टीम के साथ नगरपरिषद आयुक्त के कार्यालय पहुंचे। लेकिन आयुक्त के दफ्तर में नहीं मिलने से टीम को बिना कार्यवाही के ही लौटना पड़ा।

जल्द ही दोबारा करेंगे कार्यवाही : हमारी टीम जब नगरपरिषद पहुंची तो लंच टाइम चल रहा था। नगरपरिषद आयुक्त दफ्तर में नहीं थीं। आधा घंटे इंतजार के बाद टीम को बिना कुर्की वसूली किए ही लौटना पड़ा। जल्द ही दोबारा कार्यवाही की जाएगी। ~ सुरेंद्र सिंह चौधरी, तहसीलदार झुंझुनूं

इधर राजस्थली ट्रेवल्स की दुकान पर कुर्की कार्रवाई : तहसीलदार ने शहर के पीरूसिंह सर्किल स्थित राजस्थली ट्रेवल्स पर कुर्की वसूली की कार्रवाई की। दोपहर में तहसीलदार सुरेंद्र चौधरी गिरदावर, पटवारी के साथ राजस्थली ट्रेवल्स पहुंचे। उपभोक्ता आयोग के आदेश पर कुर्की वसूली की कार्रवाई की गई। बाद में ट्रेवल्स संचालक ने 37 हजार 668 रुपए जमा कराए।

यह है मामला

मुख्यमंत्री जन सहभागिता आवास योजना के तहत राजस्थान आवास विकास संस्थान, झुंझुनूं नगर परिषद तथा महाराष्ट्र की कंपनी असाही इंफ्रास्ट्रक्टर के बीच समझौते के तहत झुंझुनूं में मंड्रेला रोड पर 2009 में फ्लैट्स बनाने का काम शुरू किया गया था। फ्लैट्स का आबंटन लॉटरी से किया था। कई आबंटियों ने मई 2015 तक किश्तों में पूरी रकम जमा करवा दी। मई 2016 तक नगर परिषद द्वारा फ्लैट्स का कब्जा दिया जाना था। लेकिन काम रोक देने से फ्लैट्स का कब्जा नहीं मिला पाया। 400 से अधिक लोगों ने फ्लैट्स के लिए जिला उपभोक्ता आयोग की शरण ली। आयोग ने पीड़ितों को ब्याज व हर्जे-खर्चे समेत राशि देने के आदेश नगरपरिषद को दिए थे। आदेशों की पालना नहीं होने पर आयोग ने इसी साल जनवरी में नगरपरिषद की चल अचल संपत्ति कुर्क कर वसूली वारंट जारी कर दिए थे।

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