झुंझुनूं : सरकार की सुस्ती के कारण मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत 1 से 8वीं तक बच्चों को मिलने वाला दूध बंद हो गया है। अधिकतर स्कूलां में दूध नहीं है। स्टॉक खत्म हो गया है। आखिरी बार मई 2024 में दूध की सप्लाई हुई थी। उसके बाद दूध की सप्लाई नहीं हुई। ऐसे में लगभग स्कूलों में दूध नही बचा है। झुंझुनूं में 90 हजार से अधिक बच्चों को बाल गोपाल योजना का फायदा मिल रहा था। अब दूध नहीं होने से इन बच्चों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
स्कूली बच्चों को उचित पोषण उपलब्ध कराने व नामांकन बढ़ाने के उद्देश्य से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 29 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का शुभारंभ किया था। शुरू में सप्ताह में दो दिन बच्चां को दूध दिया जाता था। बाद में छुट्टी को छोड़कर हर दिन दूध दिए जाने लगा था।
इससे पहले बच्चों को गोपालकों व डेयरी से दूध लेकर बच्चों को दिया जाता था। कोरोना काल में दूध वितरण योजना ठप हो गई थी।
कोरोना के बाद जब इसे पुनः मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के नाम से शुरू किया गया तो पाउडर के दूध की सप्लाई देनी शुरू की। हालांकि सरकार बदलने के बाद बच्चों को पाउडर की जगह गाय का दूध बच्चों को पिलाने की चर्चा भी चली। लेकिन बाद में चर्चा पर धीरे धीरे विराम लगा गया।
इस योजना में सरकारी स्कूल के 1 से 8वीं तक के बच्चों को दूध दिया जाता है। 1 से 5वीं कक्षा तक 15 ग्राम, 6 से 8वीं तक 20 ग्राम मिल्क पाउडर का प्रावधान है।
जानकारी के अनुसार 1 से 5वीं तक 15 ग्राम मिल्क पाउडर प्रत्येक विद्यार्थी को 150 ग्राम पानी मिला कर उबाल कर दूध बनाया जाता है। कक्षा 6 से 8वीं के प्रत्येक विद्यार्थी को 20 ग्राम पाउडर, 200 ग्राम पानी में उबाल कर देते है।
प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारी मनोज ढ़ाका ने बताया कि दूध पाउडर को लेकर मई माह में सूचना मांगी थी। लगभग सभी स्कूलों में दूध समाप्त हो गया। अब सप्लाई कब आएगी इसी अभी कोई जानकारी नहीं है।