रतनगढ़ : रतनगढ़ जिला अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति सहित अन्य मांगों को लेकर रतनगढ़ से जयपुर मुख्यमंत्री निवास जा रहे लोगों को चौमूं पुलिस ने शुक्रवार को थाने के बाहर रोक लिया। रतनगढ़ निवासी अमरचंद माली के नेतृत्व में करीब आधा दर्जन लोग 24 अगस्त को रतनगढ़ से रवाना होकर जयपुर मुख्यमंत्री निवास पर हाथ में तिरंगा झंडा लेकर पैदल यात्रा कुच कर रहे थे। इन लोगों को चौमूं थाना पुलिस ने बिना परमिशन जयपुर कमिश्नरेट में नहीं जाने का हवाला दिया है।
रतनगढ़ जिला अस्पताल बचाओ अभियान संयोजक अमरचंद माली ने बताया कि रतनगढ़ का उप जिला अस्पताल सबसे बड़ा अस्पताल है। जहां पर डॉक्टरों की काफी कमी है और छोटी-मोटी बीमारियों के लिए भी बीकानेर और सीकर रेफर किया जाता है। बालिका कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों में भी संकाय विषय की कमी है, जिससे छात्र-छात्राओं को भी काफी परेशानी हो रही है। इसी मांग को लेकर मैं अपने लोगों के साथ मुख्यमंत्री निवास सीएम को ज्ञापन देने के लिए जा रहा हूं।
चौमूं पुलिस ने जिस तरीके से मुझे रोका है, यह सरासर गलत है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। उसके बावजूद पुलिस ने मुझे यहां पर जबरन रोक लिया है और बिना परमिशन होने की बात पुलिस का रही है। मैं किसी भी सूरत में यहां पर नहीं रुकूंगा। चाहे मुझे पुलिस बंद कर दे, जब पुलिस मुझे छोड़ेगी तब मैं शांतिप्रिय तरीके से मुख्यमंत्री निवास जाकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करके समस्याओं से अवगत कराऊंगा और ज्ञापन सौंपगा।
चौमूं थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि जयपुर पुलिस कमिश्नर रेट में किसी भी आंदोलन के तहत बिना परमिशन मुख्यमंत्री निवास या फिर जयपुर कमिश्नरेट इलाके में बिना परमिशन के जाने पर रोक लगी हुई है। इसी के तहत इन्हें रोका गया है।