घर में पानी भर जाने से लोग परेशान:देहरी से ऊंची हो गईं सड़कें; बिना तोड़े परत पर परत चढ़ाते जा रहे, शहर के 14 हजार मकानों में भरता है बारिश का पानी
घर में पानी भर जाने से लोग परेशान:देहरी से ऊंची हो गईं सड़कें; बिना तोड़े परत पर परत चढ़ाते जा रहे, शहर के 14 हजार मकानों में भरता है बारिश का पानी

जयपुर : जयपुर शहर की सड़कों पर दिनों-दिन डामर व सीमेंट की परत पर परत चढ़ाई जा रही है, जिसकी वजह से ये सड़कें मकान की देहरी से भी ऊंची हो गई हैं। नतीजा, थोड़ी सी भी बारिश में पानी मकानों के भीतर पहुंच जाता है, जिसके चलते नींव कमजोर होने लगी है। ऐसे हालात न केवल जयपुर शहर की सभी 9 चौकड़ियों के मोहल्लों में देखा जा सकता है। बल्कि बाहरी एरिया की एमआई रोड, न्यू कॉलोनी, सोडाला, राकड़ी, हसनपुरा, बरकत नगर, टोंक फाटक व महेश नगर में भी बारिश का पानी लोगों के घरों व तहखानों तक पहुंच जाता है।
जयपुर शहर में ऐसे करीब 14 हजार से ज्यादा मकान हैं, जिनमें भीतर तक पानी भरता है। स्थिति यह है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग यह प्रार्थना करते हैं कि यहां तेज बारिश ना हो, क्योंकि दो घंटे की तेज बारिश के बाद यहां मढ पंप लगाकर पानी निकालना पड़ता है।
शहर की सड़कों पर हर साल 440 करोड़ रुपए होते हैं खर्च
जेडीए व नगर निगम मिलकर 440 करोड़ रुपए हर साल सड़कों की मरम्मत व नई सड़कें बनाने पर खर्च करते हैं। जेडीए व निगम के इंजीनियर, ठेकेदारों के साथ मिलकर सड़क मरम्मत का वर्क आॅर्डर बनाते हैं और सीधे 2 से 4 इंच की परत बिछा दी जाती है ताकि डिफेक्ट लाइबिलिटी के झंझट से भी बचा जा सके। ऐसा लगभग हर साल होता है। एक सड़क पर दूसरी सड़क डाल दी जाती है, जिसकी वजह से 8 से 10 साल में यह सड़क सवा से डेढ़ फीट तक ऊंची हो जाती है और मकान की देहरी नीचे रह जाती है।
परकोटे का ड्रेनेज सिस्टम बिगड़ा, घरों में जा रहा पानी
राजधानी के परकोटा एरिया की बसावट ऐसी की गई थी कि घरों की देहरी पार करके पानी भीतर जा ही नहीं सकता, क्योंकि यहां का ड्रेनेज सिस्टम इसी तरह से डिजाइन किया गया है कि पानी बाहर से ही निकल जाता है। शहर के ड्रेनेज सिस्टम को पूर्व से लेकर पश्चिम तक यानी सूरजपोल गेट से चांदपोल गेट के बीच दो भागों में बांटा गया है, लेकिन पिछली सरकार में पीडब्ल्यूडी ने सीमेंट की सड़कें डाली, जो मकानों से 4 से 6 इंच तक ऊपर डाली गई, जिससे पानी सीधा भीतर जा रहा है।
इसी तरह परकोटे के जौहरी बाजार, रामगंज बाजार, घी वालों का रास्ता, पुरानी बस्ती, जाट के कुएं का रास्ता, जयलाल मुंशी का रास्ता, उनियारों का रास्ता, सौंथली वालों का रास्ता, शास्त्री नगर, नाहरी का नाका, भट्टा बस्ती में हालात खराब है।