भारत-रूस की उपक्रम कंपनी ने तैयार की स्वदेशी हल्की राइफल:पीएम की रूस यात्रा से पूर्व सेना को 35 हजार एके-203 मिलीं, 1 मिनट में 700 फायर करती है
भारत-रूस की उपक्रम कंपनी ने तैयार की स्वदेशी हल्की राइफल:पीएम की रूस यात्रा से पूर्व सेना को 35 हजार एके-203 मिलीं, 1 मिनट में 700 फायर करती है

जोधपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 8 जुलाई को रूस यात्रा से पहले भारतीय सेना को 35 हजार स्वदेश निर्मित 7.63X39 एमएम एके-203 एसॉल्ट राइफल मिली हैं। इसका निर्माण भारत-रूस की साझा उपक्रम कंपनी इंडो-रशियन राइफल्स ने यूपी के अमेठी स्थित कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में किया है। राइफल इस्तेमाल सबसे पहले कश्मीर और पूर्वोत्तर सीमा पर होगा।
ऐसी 6 लाख से ज्यादा राइफल बनाई जाएंगी। जल्द 35 हजार राइफल का एक और बैच सेना को सौंपा जाएगा, जो 70% तक स्वदेशी होगा। पहला बैच 32 माह में तैयार हुआ है। पूरी तरह स्वदेशी राइफल तैयार होने में 128 माह लगेंगे।
रूसी कंपनी रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेव ने कहा कि स्थानीयकरण बढ़ाने के लिए, सभी आवश्यक उपकरण अमेठी में कोरवा फैक्ट्री भेज दिए गए हैं।
2029 तक पूरी स्वदेशी राइफल तैयार होगी : भारत कलाश्निकोव असॉल्ट राइफलों की 200वीं शृंखला का उत्पादन करने वाला पहला विदेशी ग्राहक है। मेक इन इंडिया के तहत कोरवा में इसका उत्पादन हो रहा है। इस फैक्ट्री की आधारशिला वर्ष 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी ने रखी थी।
एके 203 : अमेठी में बनेंगी 6 लाख से ज्यादा राइफलें
- रेंज: 500 से 800 मीटर
- क्षमता: 1 मिनट में 700 राउंड
- मैग्जीन: एक में 30 राउंड। सेमी ऑटोमैटिक या ऑटोमैटिक मोड पर चलाई जा सकती हैं
- वजन: 3.8 किलो, सबसे हल्की
- बैरल: 16.3 इंच (415 एमएम)
- कैलिबर: 7.62 एमएम
- लंबाई: 705 मिलीमीटर