[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

Rajasthan: गुटबाजी के दलदल में फंसे दोनों दल, भाजपा में आलाकमान के डर से बनी एकजुटता चुनाव में जाती है बिखर


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
राजनीतिराजस्थानराज्य

Rajasthan: गुटबाजी के दलदल में फंसे दोनों दल, भाजपा में आलाकमान के डर से बनी एकजुटता चुनाव में जाती है बिखर

राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इसी बीच कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टी में जमकर गुटबाजी हो रही है। भाजपा के उपचुनावों में हार की बड़ी वजह पार्टी के एक बहुत बड़े गुट की उपचुनाव से दूरी रही। वहीं कांग्रेस की गुटबाजी पर आलाकमान भी लगाम लगाने में असफल है।

राजस्थान : राजस्थान में दोनों बड़े दल कांग्रेस और भाजपा गुटबाजी के दलदल में फंसे हुए हैं। कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की राजनीतिक अदावत किसी से छुपी नहीं है। इन दोनों नेताओं के समर्थक नेता और कार्यकर्ता खुलेआम एक दूसरे के सामने हैं। यहां तक की खुद गहलोत और पायलट भी एक दूसरे पर बयानों के तीर चलाने से नहीं चूकते ।

वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में संगठन की मजबूती और गुटबाजी को नकारने का भाजपा लाख दावे करे, लेकिन हकीकत यह है कि 2018 विधानसभा चुनाव के बाद सात सीटों पर हुए उपचुनाव में गुटबाजी के चलते उन्हें पांच सीटों पर मुंह की खानी पड़ी। प्रदेश में पार्टी की गुटबाजी भले ही पार्टी आलाकमान के डर से सार्वजनिक तौर पर दिखाई न पड़े, लेकिन हर उपचुनाव में भाजपा बिखरी नजर आती है।

प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से तीन बार अब तक हुए सात सीटों पर उपचुनाव में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा। सात में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया। भाजपा के उपचुनावों में हार की बड़ी वजह पार्टी के एक बहुत बड़े गुट की उपचुनाव से दूरी रही। चुनाव के दौरान अंदरखाने तल्खी साफ बढ़ती दिखाई देती है। इनमें प्रमुख नाम पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का है। राजे के अलावा पूर्ववर्ती सरकार में कमान संभालने वाले कई मंत्री और बड़े चेहरे उप चुनाव से दूर दिखाई पड़े थे।

बात कांग्रेस को लेकर की जाए तो यहां गुटबाजी का आलम बेहद खराब है। मुख्यमंत्री और खुद की सरकार को लेकर लगातार बयानबाजी हद से ज्यादा है। इस बयानबाजी पर लगाम लगाने में पार्टी के नेता भी असफल साबित हो रहे है। कांग्रेस की इस गुटबाजी पर पार्टी आलाकमान भी लगाम लगाने में बार-बार असफल साबित हो रहा है।

जानकार कहते हैं कि पार्टी के नेताओं की गुटबाजी गहलोत सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं पर भी पानी फेर रही है। प्रदेश में लागू की गई कई योजना देश भर में भाजपा के खिलाफ बड़ा मुद्दा साबित हो रही है लेकिन राजस्थान में इसका असर बेअसर करने में पार्टी की गुटबाजी और नेताओं की बयानबाजी अहम भूमिका निभा रही है।

बयानबाजी को लेकर खुद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा भी कह चुके हैं कि सब कुछ नोट हो रहा है, समय आने पर पार्टी एक्शन लेगी। कांग्रेस में चरम पर पहुंची इस गुटबाजी का असर आने वाले साल के विधानसभा चुनाव में पड़ना तय माना जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *