बढ़े रसायनों के प्रयोग से झुंझुनूं की मिट्टी खो रही ‘सेहत’, सरकार की योजनाओं से किसानों को मिली रही मदद
लगातार बढ़ रहे रसायनों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वर क्षमता कम होती जा रही है .सरकार की योजनाओं से किसानों को मदद मिल रही है.

झुंझुनूं : जिले के किसानों को अब सरकार की योजनाएं खेतों में पैदावार बढ़ाने में मददगार साबित हो रही हैं. किसान अब अपने खेतों की मिट्टी की जांच करवा उसे उपजाऊ बना रहे हैं. जून-जुलाई में खरीफ की फसल की बुवाई होनी है. ऐसे में किसान अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवा कर उर्वरता जांच रहे हैं.
लगातार बढ़ रहे रसायनों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वर क्षमता कम होती जा रही है . मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में अनुसंधान अधिकारी मुकेश चाहर ने बताया कि मिट्टी परीक्षण के लिए किसानों को कृषि विभाग योजनाओं के माध्यम से जागरूक करता है. पिछले साल जिले में 16,500 सैंपलों की जांच की गई. इस बार लगभग 22,000 सैंपलों की जांच कर सॉयल हेल्थ कार्ड बनाने का लक्ष्य विभाग को दिया गया है.
कृषि अधिकारी किसानों से सैम्पल एकत्रित कर भिजवा रहे हैं. मिट्टी परिक्षण प्रयोगशाला में कुल 13 प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं. इसमें एचसी, ऑर्गेनिक, कार्बन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, आयरन, कॉपर इत्यादि की जांच करके यह पता लगाया जाता है कि कौन से तत्व की मात्रा अधिक या कम है, ताकि किसान सही मात्रा में रसायन का उपयोग कर सकें.
मिट्टी परीक्षण से होने वाले लाभों के बारे में उन्होंने बताया कि इससे मिट्टी की उत्पादन क्षमता बढ़ती है. साथ ही उत्पादित होने वाले अनाज की क्वालिटी में भी सुधार किया जा सकता है.