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वोटिंग से एक दिन पहले सियासी उलटफेर:आरएलपी का गठबंधन कांग्रेस के साथ, बाड़मेर में कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी को समर्थन दिया


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वोटिंग से एक दिन पहले सियासी उलटफेर:आरएलपी का गठबंधन कांग्रेस के साथ, बाड़मेर में कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी को समर्थन दिया

वोटिंग से एक दिन पहले सियासी उलटफेर:आरएलपी का गठबंधन कांग्रेस के साथ, बाड़मेर में कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी को समर्थन दिया

जयपुर/बाड़मेर : लोकसभा चुनाव के मतदान से एक दिन पहले गुरुवार को बड़ा सियासी उलटफेर हुआ। कांग्रेस की सहयोगी आरएलपी के स्थानीय नेताओं ने बाड़मेर में भाजपा प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को समर्थन दे दिया। इसे आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने कार्यकर्ताओं का स्थानीय मामला बताया। भाजपा को समर्थन पर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा।

हालांकि इशारों में स्थानीय नेताओं के साथ होने के संकेत दिए। उधर, कैलाश चौधरी ने तत्काल आरएलपी और हनुमान बेनीवाल का आभार जता दिया है। आरएलपी नेता गजेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि राजस्थान में आरएलपी इंडिया अलायंस के साथ है लेकिन बाड़मेर सीट पर हम भाजपा प्रत्याशी को समर्थन दे रहे हैं।

कैलाश चौधरी ने आभार जताया, बेनीवाल बाेले- कार्यकर्ताओं का आपसी झगड़ा

आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने उम्मेदाराम के प्रति खुद की नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उम्मेदाराम अकेले पार्टी छाेड़कर गए थे। इसके लिए कांग्रेस नेता हरीश चाैधरी समेत कई जिम्मेवार रहे। मेरे ऊपर हुए हमले में भी हरीश चाैधरी के भाई व रिश्तेदार शामिल रहे थे।

बेनीवाल ने कहा कि उन्हाेंने ताे कांग्रेस के लिए वाेट मांगे थे। हरीश चौधरी ने नागौर में मेरे खिलाफ वोटिंग कराई। अब बाड़मेर में आरएलपी ने समर्थन दिया है ताे कार्यकर्ताओं के झगड़े के बीच नहीं पड़ेंगे। वे उम्मेदाराम के पार्टी बदलने से नाराज हैं। बेनीवाल ने कांग्रेस के नेताओं द्वारा नागाैर में सहयाेग नहीं मिलने का भी मुद्दा उठाया।

दो दिन पहले खुद बेनीवाल ने दिए थे संकेत

कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत की जालोर में हुई मीटिंग के दौरान हनुमान बेनीवाल ने बयान देते हुए कहा ​था कि वो हर जगह कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में सभाएं नहीं कर रहे हैं और न ही उनका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि एक बड़े कांग्रेसी नेता और कुछ समाज के नेताओं ने हमारी पार्टी तोड़ने का काम किया है।

कारण… स्थानीय नेताओं में गठबंधन का विरोध था

आरएलपी नेता गजेंद्र सिंह चौधरी ने आरोप लगाया कि बाड़मेर के नेता कांग्रेस से गठबंधन के विरोध में थे। इस वजह से कांग्रेस हमारे कार्यकर्ताओं को पूरी तवज्जो नहीं दे रही थी। उधर, बीजेपी प्रत्याशी कैलाश चौधरी ने कहा कि आरएलपी व उनके प्रमुख बेनीवान को मैं धन्यवाद करता हूं। चार साल पहले 2019 में बायतु में उन पर और आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल पर हमला हुआ था। इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण कार्रवाई तक नहीं होने दी गई।

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