Morbi Bridge Collapse LIVE Updates : CM Ashok Gehlot ने उठाए सवाल, बोले ‘कुछ दिन पहले रिनोवेशन, फिर कैसे गिरा पुल?’
Gujarat Morbi Bridge Collapse LIVE Updates CM Ashok Gehlot reacts : मोरबी हादसा: गहलोत-पायलट से लेकर डोटासरा-पूनिया तक ने जताया दुःख, मुख्यमंत्री बोले- 'हो निष्पक्ष जांच'
Gujarat Morbi Bridge Collapse LIVE Updates CM Ashok Gehlot reacts : गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी पर बने केबल पुल के टूटने से कई लोगों की मौत पर राजस्थान के नेताओं ने भी दुःख विकट किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित अन्य नेताओं ने मोरबी हादसे के मृतकों को श्रद्धांजलि दी है।
रिनोवेशन के बाद खुला पुल कैसे गिर गया? : गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मोरबी में पुल गिरने की घटना बहुत दुखद है। सरकार को निष्पक्ष जांच कर पता करना चाहिए कि कुछ दिन पूर्व ही रिनोवेशन के बाद खुला पुल कैसे गिर गया? सीएम गहलोत ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ ही घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध करवाया जाने और मृतकों के परिजनों को संबल देने की गुजरात राज्य सरकार से मांग की है।
मोरबी में पुल गिरने की घटना बहुत दुखद है। सरकार को निष्पक्ष जांच कर पता करना चाहिए कि कुछ दिन पूर्व ही रिनोवेशन के बाद खुला पुल कैसे गिर गया एवं दोषियों को सजा दे। घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध करवाया जाए एवं मृतकों के परिजनों को संबल दें। pic.twitter.com/CYbLZs7ycy
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 30, 2022
गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में कई लोगों की मृत्यु एवं घायल होने का समाचार अत्यंत दुःखद है। मेरी गहरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं, ईश्वर उन्हें संबल प्रदान करें। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और लापता हुए लोगों की सकुशलता की कामना करता हूँ।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) October 30, 2022
गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने पुल टूटने की हृदय विदारक घटना से आहत हूं। शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और लापता लोगों के सकुशल लौटने की प्रार्थना करता हूं।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) October 30, 2022
मोरबी, गुजरात में केबल पुल टूटने से हुए हादसे में मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, हादसे में घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। साथ ही मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।#Gujarat #morbibridge
— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) October 30, 2022
गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट गया। इस हादसे में अब तक 141 लोगों ने अपनी जान गवा चुके है। वहीं अभी भी कुल लोग लापता बताए जा रहे है। 70 घायलों का इलाज चल रहा है। अब तक 170 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है। लोगों को बचाने के लिए रातभर राहत-बचाव का काम जारी रहा। इस हादसे के बाद ब्रिज मैनेजमेंट कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि इस ब्रिज पर क्षमता से अधिक लोगों के पहुंचने की वजह से पुल टूट गया। आरोप लगाए जा रहे है कि टिकट से कमाई के चलते अधिक लोगों को ब्रिज पर जाने दिया गया
गुजरात सीओओ के मुताबिक, भारतीय नौसेना के 50 जवान के साथ NDRF के 3 दस्ते, भारतीय वायुसेना के 30 जवानों के साथ बचाव और राहत अभियान किया जा रहा है। इनके अलावा सेना के 2 कॉलम और फायर ब्रिगेड की 7 टीमें राजकोट, जामनगर, दीव और सुरेंद्रनगर से उन्नत उपकरणों के साथ मोरबी में आकर मोर्चा संभाले हुई है। इनके साथ इन लोगों ने रेस्क्यू में सहयोग कर रहे है।
ब्रिज मैनेजमेंट कंपनी के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज
गुजरात सरकार ने मोरबी शहर में पुल गिरने की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। वहीं, ब्रिज मैनेजमेंट कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने सोमवार की सुबह बताया कि इस मामले में आपराधिक केस दर्ज कर लिया गया है। आईजीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में इसकी जांच शुरू कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि पुल की मरम्मत की वजह से बीते छह महीनों से यह बंद था। दिवाली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर से इसको जनता के लिए फिर से खोला गया। इसकी मरम्मत में करीब 2 करोड़ रुपए का खर्चा आया था। इस पुल की मेंटिनेंस की जिम्मेदारी वर्तमान में ओधवजी पटेल के स्वामित्व वाले ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया था।
1880 में बनवाया गया था पुल
मोरबी में मच्छु नदी पर इस पुल का निर्माण वर्ष 1880 में पूरा हुआ था। इस पुल की लंबाई 765 फीट थी। आसान शब्दों में कहें तो यह पुल 1.25 मीटर चौड़ा और 230 मीटर लंबा था। यह भारत के सबसे पुराने पुलों में से एक था। इस पुल के निर्माण का सारा सामान ब्रिटेन से आया था। करीब 3.5 लाख रुपए की लागत में तैयार हुई पुल का उद्घाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था।