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चूरू : आपसी सद्भाव सजग नागरिकता की पहचान, गेदर कायम एजुकेशन एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी की ओर से आयोजित दिवाली स्नेह मिलन कार्यक्रम में हुआ साम्प्रदायिक सद्भाव पर मंथन।


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राजस्थानराज्य

चूरू : आपसी सद्भाव सजग नागरिकता की पहचान, गेदर कायम एजुकेशन एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी की ओर से आयोजित दिवाली स्नेह मिलन कार्यक्रम में हुआ साम्प्रदायिक सद्भाव पर मंथन।

आपसी सद्भाव सजग नागरिकता की पहचान, गेदर कायम एजुकेशन एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी की ओर से आयोजित दिवाली स्नेह मिलन कार्यक्रम में हुआ साम्प्रदायिक सद्भाव पर मंथन।

चूरू : राजस्थान माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष डूंगरराम गेदर ने कहा कि आपसी सदभाव सजग नागरिकों एवं सजग नागरिकता की पहचान है। समाज और राष्ट्र के समुचित विकास के लिये प्रेम, सदभाव एवं सहयोग पहली जरूरत है। इसलिये आने वाली पीढ़ियों के सुखद भविष्य के लिये हमें मिलजुल कर काम करना होगा तथा संकीर्णता का पूरी तरह से त्याग करना पडेगा।

गेदर शनिवार सांय दादाबाडी में कायम एजुकेशन व सोसियल वैलफेयर सोसाइटी के संयोजक कांग्रेस नेता रियाजत खान की ओर से आयोजित दीपावली स्नेह मिलन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने बताया कि चूरू जिले के जागरूक लोगों ने हमारी सदभावना की विरासत को बचाने के लिये अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है तथा किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं हुए। यह हमारे लिये सबसे बड़ा गर्व का विषय है। सुरक्षित भविष्य के लिये हमें अपनी इस महान परंपरा को बनाये रखना है।

राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास मूर्तिकार ने कहा कि सभी धर्मों का सार है कि परिवार, समाज को संगठित, स्नेहपूर्वक जीवन यापन करना चाहिये। परोपकार की भावना से आगे बढ़ना चाहिए। इस दिशा में कार्य करने वाले लोग बहुत ही सम्मान के पात्र हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने आयोजन की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि आपसी सदभाव की देश को सबसे बड़ी जरूरत है। कार्यक्रम में युग निर्माण योजना हरिद्वार के रामसिंह राठौड़ ने मानवता की सेवा को सबसे बड़ा पुण्य बताया। शहर इमाम सैयद पीर अनवार अहमद ने मजहब का मतलब ही इन्सान से इन्सान को जोडना और इन्सानियत के रास्ते पर चलना है।
समारोह में वरिष्ठ समाजसेवी हनुमान मल कोठारी, उमाशंकर शर्मा, प्रो कमल कोठारी, महेन्द्र चौबे, मदनमोहन आचार्य, इदरीश खत्री राज, मुबारक भाटी, प्रो. जुल्फिकार खान, प्रो. अब्दुल मन्नान शायर, एम.पी. सैनी, अब्बास अगवान, राजीव बहड़, उस्मान अंसारी, आरिफ पीथीसर, दिनेश शर्मा, नरेन्द्र शर्मा सहित अनेक वक्ताओं ने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम के आयोजक रियाजत खान ने सभी अतिथियों एवं नागरिकों का आभार प्रकट किया। सफल संचालन राधेश्याम चोटिया ने किया। आर पी एस इस्माइल खान, अयुब खान, डॉ सोफिया खान, अनिल भाकर, सुबोध मासूम, वृजेन्द्र दाधीच, महेश मिश्रा, जमील चौहान, डॉ. मुरलीधर ढाका, डॉ. इरफान खान, ऑडिटर विशाल खान, मजीद खान राणासर, सद्दाम हुसैन, डॉ कृष्णा जाखड, अकाउटेन्ट कविता ढाका, राजेन्द्र कल्ला, सिराज खान जोईया, कालूराम महर्षि, शंकरलाल डाबला, दीपिका सोनी, मानवेन्द्र बुडानिया, ज्योति सिंह, मुन्सी खान, शैलेन्द्र माथुर, राजीव बहड़, आबिद खान मोयल, नितेश शर्मा, फजलेहक गौरी, सलीम पीए आदि ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

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