विनेश फोगाट ने लगाया बड़ा आरोप, बोलीं- डोप टेस्ट में फंसाने का प्रयास कर रहे बृजभूषण
विनेश ने कहा कि बृजभूषण नहीं चाहते कि विनेश ओलंपिक में पदक जीते। अपनी टीम के साथ मिलकर फंसाने की तैयारी कर रहे हैं। कहा कि ट्रायल के दौरान उन्होंने नहीं किसी तरह का हंगामा किया। ट्रायल में बजरंग की हार पर बोलीं कि डेढ़ साल से मानसिक रूप से परेशानी के चलते हारे हैं।
Haryana : ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि उनका लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना है। इसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रही हैं। यह भी कहा कि बृजभूषण नहीं चाहते कि वह ओलंपिक में पदक जीते। इसके लिए वह अपनी टीम के साथ मिलकर उन्हें डोप में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं। वह डोप टेस्ट देने के बाद ही पटियाला में ओलंपिक क्वालीफायर के लिए ट्रायल में उतरी थीं।
विनेश फोगाट वीरवार को खरखौदा में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। पहलवान विनेश फोगाट ने फिर से भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण पर आरोप जड़े हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के पटियाला में हुए ओलंपिक क्वालीफायर ट्रायल में कमेटी के सदस्य ही लेट पहुंचे थे, उन्होंने कोई हंगामा नहीं किया था।
बृजभूषण शरण के इशारे पर इस तरह की साजिश की जा रही है। जब वह ट्रायल के लिए पहुंचीं तो चयन समिति ने कहा कि 53 किलोग्राम भार में ट्रायल नहीं होगा। इसके बाद उन्होंने 50 किलोग्राम भार में अपनी तैयारी शुरू कर दी। मगर लंबे इंतजार के बाद भी चयन कमेटी के सदस्य नहीं पहुंचे जिससे पहलवान परेशान हो गए थे।
वह खुद भी दो भार वर्ग में ट्रायल की तैयारी कर रहीं थीं। इस पर वह कमेटी के सदस्यों के पास ट्रायल में देरी की शिकायत लेकर गईं तो उन पर हंगामा करने का आरोप लगा डाला गया। 53 किलो भार में चौथे नंबर पर रहने के साथ ही वह 50 किलो भार में ओलंपिक क्वालीफाई कर पाई हैं। अब उन्हें डर है कि बृजभूषण शरण और उनकी टीम उन्हें डोप टेस्ट में फंसाकर ओलंपिक में जाने से रोक सकती है।
मानसिक परेशानी से हारे बजरंग
पहलवान विनेश ने ओलंपियन पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया की ट्रायल में हार पर कहा कि वह डेढ़ साल से मानसिक रूप से परेशान रहे। कुश्ती पर पूरा ध्यान नहीं दे पाए जिसके चलते जीत दर्ज नहीं कर सके। मामला अब अदालत में है। केंद्र सरकार से अपील है कि फैसला जल्द होना चाहिए जिससे पहलवान कुश्ती पर ध्यान दे सकें। ओलंपिक में पदक दिलाने में कुश्ती काफी मददगार रही है। सही ढंग से टीम का चयन न होना भी पदक न आने का सबसे बड़ा कारण बनता है।