खुली जगहों पर हो ग्रीन पटाखों की बिक्री
होली पर्व के लिए विशेष दिशा निर्देश जारी
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं : इस वर्ष होली का त्यौहार 24 मार्च को मनाया जाएगा। जिले में होली के पर्व पर पटाखों की बिक्री होती है। जिला मजिस्टे्रट चिन्मयी गोपाल द्वारा होली पर्व पर सभी उपखण्ड मजिस्टे्रटों को उनके अधिकारिता में आने वाले क्षेत्र के लिए केवल ग्रीन पटाखों के अस्थाई लाईसेंस जारी करने के लिए 22 से 24 मार्च तक के लिए अधिकृत किया गया है। होली पर्व के अवसर पर अग्निकांड की संभावना अधिक बनी रहती है, इसलिए विशेष सतर्कता बरता आवश्यक है। इसके लिए विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
जिले में केवल ग्रीन पटाखों के लिए अस्थाई लाईसेंस जारी करने से पूर्व आवेदन पत्रों की गहनता से जांच के पश्चात निर्धारित मापदण्ड के अनुसार ही अस्थाई लाईसेंस जारी करेंगे। अस्थाई लाईसेंस पर निर्धारित स्थान स्पष्ट रूप से अंकित करें व चिन्हित स्थानों पर ही अस्थाई लाईसेंस देवें। सभी शहरी क्षेत्रों में व बडे-बडे गांवों में ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए स्थान निर्धारित करेंगे। उक्त स्थान स्कूल व कॉलेज के खेल मैदान स्टेडियम, अन्य खुली जगह जहां आस -पास घनी आबादी नहीं हो, रास्ता सकंडा नहीं हो, फसल के ढेर व ज्वलनशील पदार्थ इत्यादि नहीं हो का चयन कर सकते है। इन स्थानों का चयन संबंधित उपखण्ड मजिस्टे्रट, आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी, संबंधित थानाधिकारी से विचार विमर्श कर किया जावें। स्थान निर्धारित करने के पश्चात उनका प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करेंगे, ताकि आम लोगों को निर्धारित स्थानों की जानकारी हो सकें।
निर्धारित स्थानों के अलावा किसी भी अन्य स्थान पर पटाखों की दुकाने नहीं लगाई जावें। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित उपखड मजिस्टे्रट, उप पुलिस अधीक्षक एवं थानाधिकारी की रहेगी। त्यौहारों के सीजन में पटाखों के अलावा अन्य सामग्री की बिक्री के लिए जगह-जग अस्थाई दुकाने लगाकर रास्तों को अवरूद्व किया जाता है। जिसके कारण फायर बिग्रेड की गाडी किसी दुर्घटना के समय दुर्घटना स्थल पर नहीं पंहुच पाती है। दुकानदारों के ऎसे अतिक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित उपखण्ड मजिस्टे्रट अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में दल बनाकर अतिक्रमणों को समय रहते हटायेंगे। ऎसे थोक विक्रेता अनुज्ञापत्रधारी जो निर्धारित स्थान के अलावा अन्य स्थान पर रिटेल पटाखा विक्रय के लिए काउंटर लगाते है, तो उन्हें रोका जावे तथा उनके खिलाफ प्रकरण बनाकर भेजे, ताकि अनुज्ञापत्र निरस्त किया जा सकेें। दमकल गाडियों को समय रहते दुरूस्त करवाने तथा 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जावे।