भारत में मुस्लिम महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न आज पूरी दुनियां में बज रहा है डंका
भारत में मुस्लिम महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न आज पूरी दुनियां में बज रहा है डंका

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर
जयपुर : 5 मार्च को जयपुर नहारी का नाका स्तिथ मदरसा जामिया तय्यबा मेमोरियल में एक प्रोग्राम हुआ जिसकी सदारत कारी मोहम्मद इसहाक साहब ने की मंतशा बानो ने लेख संदेश पढ़ा जो की इस प्रकार है भारत की उपलब्धियों की समृद्ध सूची में, तीन उल्लेखनीय महिलाएं चमकती हैं। लखनऊ की चिकनकारी कलाकार नसीमबानो, अपनी कला से जटिल कहानियाँ बुनती हैं, जस्टिस एम फातिमाबीवी, सुप्रीम कोर्ट में सेवा देने वाली पहली मुस्लिम महिला और तकदीरा बेगम, बंगाल की कांथा सिलाई कारीगर हैं। हालाँकि इन सभी महिलाओं की जीवन कहानी पहले से ही लाखों मुस्लिम महिलाओं को प्रेरित कर रही है, लेकिन पद्म पुरस्कार 2024 के माध्यम से सरकार द्वारा उनकी हालिया मान्यता ने फिर से महिला सशक्तिकरण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। ये महिलाएं लचीलेपन, विविधता का प्रतीक हैं और उनके योगदान ने भारत की प्रगति और समानता की कहानी को आकार देने में मदद की है। आज मुस्लिम महिलाएं पायलेट, जज, डॉक्टर, वकील, साइंटिस्ट बन रहीं है खेल जगत से लेकर शिक्षा जगत में अपना नाम और देश का नाम रोशन कर रहीं है, सलाम है ऐसी बेटियों मां और बहनों को…