एक ही अस्थाई डॉक्टर के भरोसे चल रहा है राजकीय अनारदेवी सामुदायिक चिकित्सालय शिमला
एक ही अस्थाई डॉक्टर के भरोसे चल रहा है राजकीय अनारदेवी सामुदायिक चिकित्सालय शिमला

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अनिल शर्मा
शिमला : एक तरफ राज्य सरकार आमजन को समस्याओं से निजात दिलवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है तो वहीं शिमला का राजकीय अनारदेवी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी हालत पर आंसू बहा रहा है। कहने को तो ये अस्पताल सीएचसी में कर्मोन्नत हो गया लेकिन आज भी एक अस्थाई डॉक्टर के भरोसे ही चल रहा है। यहां पर पांच चिकित्सकों व पांच जी एन एम के पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान में अस्पताल में सभी डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं महज कांटेक्ट पर एक चिकित्सक लगा रखा है जो अपनी सेवाएं दे रहा है। यहां पर चार जीएनएम तथा अन्य स्टाफ के पद खाली पड़े हैं।
इस अस्पताल को तत्कालीन मुख्यमंत्री सलाहकार डॉ जितेंद्र सिंह ने ग्रामीणों की मांग पर सीएचसी में कर्मोंनत करवाया था। इससे ग्रामीणों को आस जगी थी कि अब अस्पताल के दिन फिरेंगे। तथा सभी सुविधाएं मिलने लगेंगी। लेकिन ये आस हकीकत में नही बदली। आज भी अस्पताल के हालात जस के तस हैं। रात के समय कोई भी कर्मचारी नही रहता। दिन में 4 बजे बाद में ही यहां पर काग पड़ने लग जाते हैं। सभी कमरों के ताले बंद हो जाते हैं कोई भी मरीज देखने वाला मौजूद नहीं रहता है जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 24 घंटे डॉक्टर की सुविधा वह स्टाफ की सुविधा मिलनी चाहिए लेकिन ऐसा यहां पर कुछ भी नहीं है तथा सुबह कर्मचारी ड्यूटी पर भी देरी से आते है। वैसे तो कहने के लिए तो सरकार ने यहां पर हस्ताक्षर के लिए फिंगर डिवाइस भी लगा रखी है। लेकिन प्राय कर्मचारी लेट आते रहते हैं तथा लेट आने वालों पर कार्यवाही भी नहीं होती है।
ग्रामीणों का आरोप है की यह चिकित्सालय देहात में स्थित है इस ग्राम की आबादी 10000 है तथा यहां पर जच्चा बच्चा केंद्र भी मौजूद है लेकिन वर्तमान में डिलीवरी नाम मात्र की होती हैं जबकि पूर्व में इस चिकित्सालय को डिलीवरी में सर्वश्रेष्ठता का प्रमाण पत्र भी मिला था लेकिन स्टाफ की कमी के कारण व लापरवाही के कारण यहां पर डिलीवरी प्राय शून्य होती जा रही है तथा डिलीवरी करवाने के लिए लोग दूर दराज के क्षेत्र हरियाणा में नारनौल जा रहे हैं जिला प्रशासन को भी इसके लिए अनेक बार सूचित किया गया है लेकिन वह भी इस तरफ ध्यान नहीं देता है विभागीय अधिकारी भी दिन प्रतिदिन लापरवाही बरत रहे हैं तथा कभी भी इस चिकित्सालय का औचक निरीक्षण नहीं करते हैं । ग्रामीणों ने अस्पताल में शीघ्र ही सभी खाली पद भरने चिकित्सालय कि दशा सुधारने की मांग की है।