गलत खून चढ़ाने से हुई मौत को सड़क हादसा बताकर दी सहायता, सरकार को घेरने की तैयारी में कांग्रेस
एसएमएस में गलत खून चढ़ाने से हुई युवक की मौत के 15 दिन बाद आखिर मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ित परिवार को सहायता दे दी गई है। कल मृतक के ताऊ और बहन के टंकी पर चढ़ने के बाद आनन-फानन में ये फैसला लिया गया।

दौसा/जयपुर : एसएमएस अस्पताल में युवक सचिन शर्मा की गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने से हुई मौत के मामले में जिला प्रशासन के आदेश पर सवाल उठ गए हैं। दौसा जिला प्रशासन की ओर से सचिन के परिजनों को जो 5 लाख रुपए की सहायता देने के आदेश जारी हुए, उसमें मौत का कारण रोड एक्सीडेंट बताया गया है। वहीं पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा- इस मामले को विशेष प्रकृति में मानकर युवक के घरवालों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और एक व्यक्ति को नौकरी दें।
दरअसल, सचिन शर्मा की गलत खून चढ़ाने से हुई मौत के बाद परिजनों ने न्याय की मांग को लेकर आवाज उठाई। 3 मार्च को सचिन की बहन अलका और उसके ताऊ महादेव शर्मा बसवा स्थित एसडीएम कार्यालय में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। एसडीएम रेखा मीणा ने समझाइश कर उन्हें नीचे उतारा था।
सीएम भजनलाल शर्मा ने घरवालों को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इसके बाद 4 मार्च को जिला प्रशासन की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता का आदेश जारी हुआ। अब सहायता राशि के आदेशों में मौत का कारण सड़क हादसा बताने पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

गहलोत से मिले सचिन शर्मा के परिजन
इधर, सचिन शर्मा के परिजनों ने 4 मार्च की रात जयपुर में पूर्व सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की। गहलोत ने इस मामले में सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए पांच लाख की सहायता राशि को नाकाफी बताते हुए 50 लाख की सहायता की मांग की है।

गहलोत ने सोशल मीडिया पर कहा कि एसएमएस अस्पताल में गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ाने के कारण जान गंवाने वाले सचिन शर्मा के परिजनों से मुलाकात की। इस मामले में राज्य सरकार ने बेहद असंवेदनशील रवैया अपनाया है। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार की आजीविका कमाने वाले सचिन शर्मा की मृत्यु के 9 दिन बाद परिजनों को केवल 5 लाख रुपए की मामूली सहायता देना नाकाफी है। इस सहायता के लिए भी परिजनों को प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा।

पिता बोले- 5 दिन में सुनवाई नहीं हुई तो जयपुर आकर मरूंगा
सचिन शर्मा के पिता महेश चंद्र शर्मा ने कहा है कि मेरी अभी तक कोई मदद नहीं हुई है। सरकार अंधी होकर बैठी है। सभी झूठे वादे करके जाते हैं। कोई 5 लाख देते जाता है कि ऐसे ही मर गया। मेरे बेटे के साथ डॉक्टरों ने दुर्घटना की है। गलत ब्लड चढ़ाने से मेरे बेटे की जान गई है। इसकी जिम्मेदार सरकार और डॉक्टर है। अगर 5 दिन के अंदर मेरे बेटे के मामले में सुनवाई नहीं हुई तो मैं जयपुर में आकर मरूंगा।

क्या था मामला
प्रदेश के सबसे बड़े हॉस्पिटल सवाई मानसिंह (SMS) में डॉक्टर-नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही ने सचिन शर्मा की जान ले ली थी। एक्सीडेंट में घायल बांदीकुई (दौसा) निवासी सचिन को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था।यहां उसे ‘ओ’ पॉजिटिव की जगह ‘एबी’ पॉजिटिव ब्लड और प्लाज्मा चढ़ा दिया गया था।
नतीजा ये हुआ कि 10 दिन तक ICU में जिंदगी की जंग लड़ते-लड़ते सचिन ने 23 फरवरी की सुबह दम तोड़ दिया था। एक मार्च को सचिन की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई थी। रिपोर्ट में लिखा था कि गलत ग्रुप के ब्लड के कारण सचिन की किडनी, लिवर और फेफड़े डैमेज हो गए, जो उसकी मौत की वजह बने थे।