[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

झुंझुनूं (उदयपुरवाटी) : दो परिवारों ने देश पर वारे बेटे-दामाद:झुंझुनूं की एक मां के 2 बेटे, 11 महीने में दोनों शहीद, दोनों की पत्नियां सगी बहनें


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
राजस्थानराज्य

झुंझुनूं (उदयपुरवाटी) : दो परिवारों ने देश पर वारे बेटे-दामाद:झुंझुनूं की एक मां के 2 बेटे, 11 महीने में दोनों शहीद, दोनों की पत्नियां सगी बहनें

दो परिवारों ने देश पर वारे बेटे-दामाद:झुंझुनूं की एक मां के 2 बेटे, 11 महीने में दोनों शहीद, दोनों की पत्नियां सगी बहनें

झुंझुनूं (उदयपुरवाटी) : दूड़िया गांव के किसान दम्पती ताराचंद बांगड़वा और संतरादेवी के 4 संतानें थीं। दो बेटे और दो बेटियां। दोनों बेटे फौज में। छोटा पिंटूकुमार 29 साल का, बड़ा जयसिंह 32 साल का। फौज में यूनिट भी एक ही- 106 पैरा एयरबोर्न। दोनों की शादी 2013 में किठाना गांव में एक साथ एक ही परिवार में धूमधाम से की थी। दोनों की पत्नियां सोनूकुमारी व वर्षा सगी बहनें हैं। यानी दो परिवारों ने देश पर अपने बेटे और दामाद वार दिए हैं। किठाना उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का गांव है।

परिवार में सबकुछ ठीक था। लेकन…11 ही महीनों में दोनों बेटे देश के लिए शहीद हो गए। सेना सेवा कोर में तैनात चचेरे भाई अमित कुमार ने बताया- जयसिंह की देह शुक्रवार को गांव आएगी। सामाजिक कार्यकर्ता बबलू मूंड व अनिल गिल ने बताया- शुक्रवार सुबह 8 बजे पुलिस थाने से शहीद के घर तक तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी।सेना में जाने से पहले जयसिंह गुढ़ा में तुलसीराम की मेडिकल दुकान पर काम करते थे। तुलसीराम बोले- 17 अक्टूबर को फोन आया तब जयसिंह ने कहा था कि सब राजी खुशी है। दिवाली पर आने की कोशिश करूंगा।

30 नवम्बर को गांव में होना था छोटे भाई की प्रतिमा का अनावरण पर बड़े की शहादत की खबर आ गई
अप्रैल 2021:
 आगरा में सैन्य अभ्यास के दौरान जम्प के समय पिंटूकुमार की रीढ़ की हड्डी टूट गई, सिर में चोट आई। काफी दिन आर्मी अस्पताल दिल्ली में भर्ती रहे, जहां 30 नवम्बर 2021 को आखिरी सांस ली। अब 30 नवम्बर को गांव में उनकी प्रतिमा का अनावरण होना था।

19 अक्टूबर 2022: जयसिंह 16 दिसम्बर 2011 काे 106 पैरा (टीए) एयरबोर्न में भर्ती हुए थे। 6 साल तक जम्मू में रहे। जम्मू में जिस यूनिट में रहे, उसमें क्रिकेटर एमएस धोनी के साथ ट्रेनिंग भी की। जयसिंह बेंगलुरू में पैरा यूनिट में सिपाही पद पर तैनात थे। 19 अक्टूबर को सुबह नियमित अभ्यास के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया। उन्हें सेना के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
(जयसिंह की पत्नी सोनूकुमारी गोविंदगढ़ के सरकारी अस्पताल में एएनएम हैं। उनके 5 साल की बेटी निर्वि है। शहीद भाइयों की दो बहनें हैं, जिनमें से एक की शादी हो चुकी है और एक अभी पढ़ाई कर रही है)

देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले जनमानस शेखावाटी पर फॉलो करें जनमानस शेखावाटी की एंड्राइड एप्लिकेशन को अभी फ्री में डाउनलोड करें, जनमानस शेखावाटी की फेसबुक, यूट्यूब, वेब न्यूज़ को फॉलो करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *