जयपुर : सरकारी विभाग में अस्थाई तौर पर कार्यरत महिला कार्मिक भी मातृत्व अवकाश पाने की हकदार हैं। राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण (रेट) ने चिकित्सा विभाग में अस्थायी तौर पर कार्यरत प्रार्थी आयशा बानो की अपील को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया।
साथ ही रेट ने पार्थी के मातृत्व अवकाश को स्वीकृत कर उसे पुन: कार्यग्रहण करवाने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायिक सदस्य अनंत भंडारी एवं सदस्य शुचि शर्मा ने प्रार्थिया की अपील को स्वीकार कर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव और निदेशक को दिए हैं।
प्रेगनेंसी के बाद सेवाएं की समाप्त
प्रार्थी के अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पिछले साल अति-आवश्यक अस्थायी तौर पर (यूटीबी) सहायक रेडियोग्राफर के पद पर भर्ती निकाली थी। इसमें प्रार्थिया का चयन हो गया और उसने 19 सितंबर 2023 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदून किशनगढ़ में कार्यग्रहण किया। इस दौरान पार्थियां ने एक बच्चे को जन्म दिया।
उसने मातृत्व अवकाश देने के लिए विभाग को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन विभाग ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। ना ही कोई जवाब दिया। सुनवाई ने दौरान प्रार्थिया की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने परिपत्रों एवं उच्च न्यायालय के निर्णयों में संविदा, अस्थायी तौर पर कार्यरत महिला कार्मिकों को भी मातृत्व अवकाश का हकदार माना। प्रार्थिया के मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने न तो मातृत्व अवकाश स्वीकृत किया और न ही उसे पुनः कार्यग्रहण करवा रहा है जबकि प्रार्थिया नियमानुसार मातृत्व अवकाश लेने की हकदार है। लिहाजा प्रार्थियां को मातृत्व अवकाश स्वीकृत कर कार्यग्रहण करवाया जाए। इस पर रेट ने मातृत्व अवकाश स्वीकृत कर पुनः कार्यग्रहण करवाने की अनुमति देने के आदेश दिए हैं।