झुंझुनूं : झुंझुनूं और सीकर जिलों में पेयजल समस्या बनी हुई है। इसे दूर करने के लिए इंदिरा गांधी मुख्य नहर से आरडी-106 का काम चल रहा है। लेकिन इसका काम पूरा होने के बाद भी झुंझुनूं जिले के सिर्फ 156 गांवों को ही पानी मिलेगा, जबकि 398 गांव इससे वंचित रहेंगे।
सीकर जिले को भी जोड़ लिया जाए तो दोनों जिलों के 1133 गांव प्यासे रहने वाले हैं। बता दें कि झुंझुनूं व सीकर में पेयजल की समस्या को हल करने के लिए ही इंदिरा गांधी नहर से आरडी 106 और आरडी 103 निकाली जा रही हैं। जलदाय विभाग की विभिन्न पेयजल योजनाओं में सीकर व झुंझुनूं जिले के 637 गांव एक साथ शामिल किए गए हैं।
राज्य सरकार ने आरडी-103 प्रोजेक्ट के प्लान को स्वीकृत भी कर दिया है। इसके बाद केंद्र सरकार की जांच टीम ने इन गांवों को अलग कर तकनीकी आधार पर रिपोर्ट मांगी है। परियोजना के माध्यम से दोनों जिलों में सतही पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा। फिलहाल केवल सीकर के 340 और झुंझुनूं के 156 गांवों को यह पेयजल मिलेगा। भविष्य में पेयजल की कमी महसूस होने पर सतही पेयजल की लाइन जोड़ी जाएगी।
स्वीकृत हो चुका झुंझूनूं जिले का बजट
झुंझुनूं जिले के 5 कस्बे, 269 ग्राम एवं चिह्नित ढाणियों में जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति के लिए 8798.42 करोड़ की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है।
सीकर जिले में 10 शहर एवं कुल 1179 आबाद ग्राम शामिल हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र भू-जल पेयजल स्रोतों पर आधारित हैं। सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर व नेछवा के 298 गांवों को छोड़कर 881 गांवों में से 541 गांव जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत हुए हैं। इधर, इंदिरा गांधी नहर के आरडी-103 ऑफटेक करते हुए सीकर जिले के 7 मुख्य कस्बे एवं 6 जनगणना कस्बों के 864 ग्राम एवं चिह्नित ढाणियों शामिल किया गया है।