पर्ची सरकार की तरह पर्ची बजट हुआ पेश : सुंडा
झुंझुनूं को हाथ लगी निराशा, नाम तक नहीं आया एक बार भी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : सुभाष चन्द्र चौबदार
झुंझुनूं : प्रदेश की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने आज बतौर वित्त मंत्री राजस्थान का अंतरिम बजट लेखानुदान पेश किया। जिस पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह बजट भी पर्ची सरकार के जैसे पर्ची बजट साबित हुआ है। जिसमें ना तो कोई विजन और ना ही कोई नई घोषणा है। झुंझुनूं के लोग बड़े चाव से नई सरकार पहला बजट सुन और देख रहे थे। लेकिन उन्हें एक बार भी झुंझुनूं का नाम सुनने को नहीं मिला। जब बजट की प्रति देखी तो वहां पर भी झुंझुनूं के नाम ढूंढते रहे। लेकिन सरकार ने मानों झुंझुनूं से पूरी तरह मुंह मोड़ लिया हो। सुंडा ने बताया कि झुंझुनूं में यमुना नहर के पानी को लेकर गांव-गांव में आंदोलन हो रहे है। लेकिन एक शब्द तक बजट में नहीं शामिल नहीं किया।
इस पर्ची सरकार को आम जनता के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है। बस केन्द्र सरकार की आधी अधूरी और नियम-शर्तें लागू की पद्धति पर चल रही योजनाओं को राज्य की जनता पर जबरदस्ती थोपना है। इस उद्देश्य से दिल्ली से बनकर आया बजट उप मुख्यमंत्री द्वारा पढा गया है। जिसका जवाब झुंझुनूं की जनता लोकसभा चुनावों में देगी। उन्होंने बताया कि पेंशन में 15 प्रतिशत की बढोतरी की घोषणा की गई है। वो भी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की देन है। क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह व्यवस्था करके गए है कि हर साल 15 प्रतिशत हर हाल में वृद्धावस्था, विधवा जैसे सामाजिक सुरक्षा की पेंशन बढेगी ही। इसमें इस सरकार का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि जब भी कांग्रेस सरकार होती है। ना केवल जिले से मंत्रीमंडल में प्रतिनिधित्व होता है। बल्कि झुंझुनूं के लिए सौगातें हर बार मिलती है। लेकिन इस बार ना तो मंत्रीमंडल में जगह दी गई है और ना ही बजट में। जो भाजपा की द्वेषतापूर्ण राजनीति का प्रदर्शित करता है।