नीमकाथाना एसडीएम 10.50 बजे तक सीट पर नहीं थे, 10.45 तक परिषद आयुक्त के चैंबर पर ताला, चंवरा में 10.30 बजे पालिका का ताला खुला
नीमकाथाना एसडीएम 10.50 बजे तक सीट पर नहीं थे, 10.45 तक परिषद आयुक्त के चैंबर पर ताला, चंवरा में 10.30 बजे पालिका का ताला खुला
नीमकाथाना : सरकारी दफ्तरों में सप्ताह में महज 5 वर्किंग डे होते हैं फिर भी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की लेटलतीफी और पेंडेंसी बढ़ाने की आदत नहीं छूट रही। दफ्तर समय से लेट आने का कल्चर बदलने के लिए राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत एक्शन मोड में हैं और एक के बाद एक सरकारी दफ्तरों का निरीक्षण कर रहे हैं। ऑफिस टाइम 9.30 बजे बाद दफ्तर पहुंचने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को चेतावनी दी जा रही है, कार्रवाई हो रही है।
वहीं, नीमकाथाना जिले के सरकारी दफ्तरों के कर्मचारियों और खासकर अधिकारियों के आफिस देर से आने और फील्ड के बहाने जल्दी निकल जाने की आदत नहीं सुधर रही। दैनिक भास्कर की टीम ने जनता से सीधे जुड़े कई सरकारी दफ्तरों की पड़ताल की तो सामने आया कि ज्यादातर अफसरों को टाइम पर आफिस पहुंचने की आदत नहीं है।
जिला अस्पताल : 15-20 मिनट देरी से चैबरों में आए डॉक्टर, सवेरे 9 बजे शुरू होती है ओपीडी : राजकीय जिला अस्पताल में इन दिनों सवेरे 9 बजे से आउटडोर (ओपीडी) शुरू हो जाता है, लेकिन डॉक्टर अस्पताल में तो समय पर नहीं आए। चैंबरों में 15-20 मिनट की देरी से पहुंचे। यहां 8 बजे से ही डॉक्टर्स के चैंबरों के बाहर मरीजों की कतारें शुरू हो जाती है। गुरुवार को 9.19 बजे तक डॉक्टर चैंबरों में नहीं आए। इससे मरीजों को परेशानी हुई। स्त्रीरोग विशेषज्ञ, फिजीशियन सहित कई विभागों में डॉक्टर्स के चैंबरों के बाहर मरीज इंतजार में बैठे दिखे।
नीमकाथाना कलेक्ट्रेट : एडीएम टाइम से 5 मिनट पहले पहुंचे, कलेक्टर 9.45 पर पहुची। कलेक्ट्रेट में स्थापना शाखा और कार्यालय अधीक्षक के कर्मचारी आफिस टाइम से पहले सुबह 9.10 बजे ही पहुंच चुके थे, वहीं एडीएम भी आफिस टाइम से पहले 9.25 पर सीट पर आ गए। 9.33 बजे कलेक्टर पीए, 9.34 बजे डीएसओ भी पहुंचे। कलेक्टर 9.45 बजे सीट पर आ गई। 9.35 से 9.45 बजे के बीच कलेक्ट्रेट के 13 कर्मचारी पहुंचे।
नीमकाथाना के अन्य दफ्तर : 10.45 बजे तक नगरपालिका आयुक्त का कार्यालय बंद था, तब तक आयुक्त नहीं पहुंचे थे। बाकी स्टाफ लगभग पहुंच चुका था। 10.50 बजे तक एसडीएम चैंबर खाली था। 11.05 बजे तक पीएचईडी के जेईएन ग्रामीण और जेईएन शहर की सीट खाली पड़ी थी।
उदयपुरवाटी, तहसील कार्यालय, एसडीओ कार्यालय, पंचायत समिति व नगर पालिका में सुबह 10.30 बजे तक कोई अधिकारी सीट पर नहीं पहुंचा था। कुछ दफ्तरों में तो झाड़ू तक नहीं लगी थी। सबसे पहले सुबह 9.35 बजे तहसील कार्यालय में तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दीनाराम झाड़ू लगा रहा था। कर्मचारी ने झाड़ू लगाई तब तक 17 में से 6 कर्मचारी पहुंच चुके थे। तहसीलदार दौलाराम बाजिया सहित 11 कर्मचारी नहीं आए थे।9.40 बजे उपखंड कार्यालय में योगेश मीणा व बिहारीलाल मौजूद थे। अधिकारी के नाम पर सबसे पहले 10.45 बजे नायब तहसीलदार विष्णुकुमार माथुर दफ्तर पहुंचे। पंचायत समिति में सुबह 10 बजे तक कैशियर कक्ष का ताला नहीं खुला था। विकास अधिकारी सहित आधा दर्जन अधिकारी व कर्मचारी नदारद थे। पंचायत समिति के 23 में से 12 अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। पीएचईडी दफ्तर में सुबह 10.15 बजे तक सहायक अभियंता बलवीर सैनी, कनिष्ट अभियंता मोतीलाल सैनी सहित चार कर्मचारी दफ्तर नहीं पहुंचे थे। नगर पालिका में सुबह 11 बजे तक ईओ वर्षा चौधरी की सीट खाली थी व कैशियर कक्ष पर ताला लटका हुआ था। दीपक असवाल अपनी पत्नी विजय लक्ष्मी के साथ शादी रजिस्ट्रेशन कराने व प्रमाण पत्र बनवाने के लिए इंतजार कर रहे थे। इसी प्रकार रहमान मिरासी अपने विकलांग बेटे की तीन-चार माह से बंद पेंशन चालू करवाने के लिए व कुछ लोग राशन कार्ड दुरुस्त कराने के लिए अधिकारी का इंतजार कर रहे थे।
चंवरा, महीने पहले बनी पौंख नगर पालिका के ताले सुबह 10.30 बजे तक खुले ही नहीं। 10.30 ईओ अशोककुमार पहुंचे और ताला खोला, पर कर्मचारी तब भी नहीं पहुंचे। ईओ 12 बजे तक सीट पर बैठे। वे गुढ़ागौड़जी नगर पालिका के ईओ हैं और पौंख पालिका ईओ का अतिरिक्त चार्ज है। वे 12 बजे गुढ़ागौड़जी रवाना हो गए। तब तक भी कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा। जबकि आज ही नगर पालिका में जनसुनवाई भी थी। जनसुनवाई में भी नगरपालिका का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं रहा। जनसुनवाई का समय सुबह 9.30 बजे से है, मगर दोपहर 12 बजे तक कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं आया। 12 बजे जनसुनवाई मे के लिए पालिकाध्यक्ष कोमल शेरावत पहुंची। उनके बाद सांख्यिकी अधिकारी उदयपुरवाटी सुभाष पालीवाल, पशुपालन नोडल अधिकारी मिट्ठूकुमारी मीणा उदयपुरवाटी, पशु चिकित्सा पौंख डॉ. प्रदीपकुमार, पशुधन सहायक सरोज सैनी पहुंचे। पशुपालन विभाग के अलावा बाकी किसी भी विभाग का अधिकारी-कर्मचारी जनसुनवाई में नहीं पहुंचे। हर महीने के पहले गुरुवार को नगरपालिका में जनसुनवाई होती है, जिसमें सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी को मौजूद होना होता है।