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महिला टीचर ने नहीं लगाने दी मां सरस्वती की तस्वीर:बोली- शिक्षा के क्षेत्र में सरस्‍वती का क्‍या योगदान है? गांव वालों ने किया हंगामा


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महिला टीचर ने नहीं लगाने दी मां सरस्वती की तस्वीर:बोली- शिक्षा के क्षेत्र में सरस्‍वती का क्‍या योगदान है? गांव वालों ने किया हंगामा

महिला टीचर ने नहीं लगाने दी मां सरस्वती की तस्वीर:बोली- शिक्षा के क्षेत्र में सरस्‍वती का क्‍या योगदान है? गांव वालों ने किया हंगामा

बारां : सरकारी स्कूल के गणतंत्र दिवस समारोह में जमकर हंगामा हुआ। महिला टीचर ने समारोह में मां सरस्वती की तस्वीर लगाने से इनकार कर दिया। इसकी शिकायत विभाग के उच्चाधिकारियों के पास पहुंची तो उन्होंने साफ कह दिया- शिक्षा के क्षेत्र में सरस्‍वती का क्‍या योगदान है? समारोह में महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडकर और सावित्री बाई फुले की तस्वीर टीचर पहले ही लगा चुकी थी। काफी जद्दोजहद के बाद गांव वालों ने यहां मां सरस्वती की तस्वीर रखी। मामला बारां के किशनगंज तहसील क्षेत्र के स्कूल का है।

डीईओ पीयूष कुमार ने बताया- शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर लकड़ाई के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल में समारोह की तैयारियां चल रही थीं। ग्रामीणों ने मां सरस्वती की तस्वीर लगाने की मांग की। 20 साल से स्कूल में तैनात महिला टीचर हेमलता बैरवा (42) ने मां सरस्वती की तस्वीर लगाने से इनकार कर दिया। इसको लेकर काफी देर तक ग्रामीणों और हेमलता के बीच बहस होती रही। बच्चों और बड़ी संख्या में अन्य ग्रामीण भी वहां पहुंच गए। इस बीच बहस के दौरान स्कूल का पूरा स्टाफ नदारद रहा।

मां सरस्वती की तस्वीर नहीं लगाने पर टीचर और ग्रामीणों के बीच बहस होती रही।
मां सरस्वती की तस्वीर नहीं लगाने पर टीचर और ग्रामीणों के बीच बहस होती रही।

सावित्री बाई फुले को बताया विद्या की देवी
समारोह के दौरान टीचर ने महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडकर और सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगाई थी। कार्यक्रम के दौरान मां सरस्वती की तस्वीर नहीं देखकर ग्रामीण ने तस्वीर रखने की बात कही। टीचर ने मना कर दिया। ग्रामीण कार्यक्रम के दौरान मां सरस्वती की तस्वीर लगाने पर अड़े रहे, जबकि टीचर ने कहा कि मैंने सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगा दी है। इस दौरान टीचर ने सावित्री बाई फुले को ही विद्या की देवी बताया।

टीचर ने महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडकर और सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगाई थी।
टीचर ने महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडकर और सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगाई थी।

दीपक जलाने से किया मना
टीचर ने कहा- बच्चों की देवी सावित्री बाई फुले हैं। साथ ही टीचर ने पूजा नहीं करने और दीपक जलाने से भी मना कर दिया। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया। नाराज ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को मामले से अवगत करवाया।

स्कूल के ऑफिस से ग्रामीण मां सरस्‍वती की तस्‍वीर लेकर आए और उसे बाकी तस्वीरों के साथ रखा।
स्कूल के ऑफिस से ग्रामीण मां सरस्‍वती की तस्‍वीर लेकर आए और उसे बाकी तस्वीरों के साथ रखा।

ग्रामीणों ने रखी मां सरस्वती की तस्वीर
बहस के दौरान टीचर ने फोन कर अधिकारी से कहा- सर मैंने मां सरस्‍वती की तस्वीर नहीं लगाई है। गांव वाले मेरे ऊपर दबाव बना रहे हैं। सर आप बताओ- शिक्षा के क्षेत्र में सरस्‍वती का क्‍या योगदान है ? बहस के बाद ग्रामीण स्कूल के ऑफिस से मां सरस्‍वती की तस्‍वीर लेकर आए। उसे मंच पर रखा। इसके बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद गणतंत्र दिवस समारोह का संचालन हो सका।

बीईईओ को दिए जांच के निर्देश
डीईओ पीयूष कुमार शर्मा ने बताया- इस घटना को लेकर शिकायत मिली थी। बीईईओ को जांच कर जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।

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