रणथंभौर में एक साल में 8 बाघ-बाघिनों की मौत:12 से ज्यादा गायब; DFO और CCF खींचतान में उलझे रहे
रणथंभौर में एक साल में 8 बाघ-बाघिनों की मौत:12 से ज्यादा गायब; DFO और CCF खींचतान में उलझे रहे

सवाई माधोपुर : रणथंभौर टाइगर रिजर्व में एक साल में 8 बाघ-बाघिन और शावकों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं, 12 से ज्यादा बाघ गायब है। अधिकारी आपसी खींचतान में उलझे हुए हैं। आंकड़े 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक के हैं। जिन 8 टाइगर्स की मौत हुई, इनमें 2 बाघ, 2 बाघिन और 4 शावक है। गायब हुए कुछ बाघों को ट्रेस करने में वन विभाग कामयाब रहा, लेकिन कुछ का तो अभी भी पता नहीं लग पाया है।

साल 2023 के पहले ही महीने में 1 बाघ, 1 बाघिन और 1 शावक की मौत हुई। 10 जनवरी को बाघ T-57 की, 31 जनवरी को बाघिन T-114 और उसके शावक की मौत हो गई। इसके अगले महीने में ही 9 फरवरी को बाघिन T-19 कृष्णा की मौत हो गई। मई में फिर एक टाइगर ने दुनिया छोड़ दी। 10 मई को बाघ T-104 को ट्रैंकुलाइज करते समय ओवरडोज देने से उदयपुर में उसकी मौत हो गई।

सितंबर में फिर बाघिन T-79 के 2 शावकों की मौत हो गई और बाघिन का पता लगाने में वन विभाग विफल रहा। 11 दिसंबर को बाघिन T-69 के शावक की मौत हो गई। इस तरह साल 2023 में रणथंभौर टाइगर रिजर्व में 8 बाघ-बाघिन और शावकों ने दम तोड़ दिया।

अफसरों में आपसी खींचतान
दरअसल रणथंभौर टाइगर रिजर्व में CCF पी. कथिरवेल और DFO मोहित गुप्ता की खींचतान के कारण यहां ट्रैकिंग और विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। CCF इन दिनों काफी चर्चाओं में हैं। CCF ने पहले रणथंभौर के सभी रेंजर्स के सरकारी वाहन अपने पास रख लिए थे। फिलहाल स्टाफ टाइगर ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के लिए संसाधनों का अभाव महसूस कर रहा है। इतना ही नहीं CCF पर लगातार टूरिज्म पर ही फोकस करने के आरोप लग रहे हैं।
DFO मोहित गुप्ता के साथ बिलों सहित कई बातों को लेकर CCF का विवाद भी चल रहा है। दोनों अधिकारियों की खींचतान का नुकसान रणथंभौर की इमेज और वाइल्ड प्रोटेक्शन पर दिखाई दे रहा है।
मामले को लेकर रिपोर्ट की तलब
मामले को लेकर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंदम तोमर का कहना है कि मामले को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मंगवाई गई है। जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी।