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गौधाम पथमेड़ा संस्थापक समेत तीन के खिलाफ FIR, धोखाधड़ी और साजिश रच बेदखल करने का आरोप; जानें मामला


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गौधाम पथमेड़ा संस्थापक समेत तीन के खिलाफ FIR, धोखाधड़ी और साजिश रच बेदखल करने का आरोप; जानें मामला

रेवदर थाना अधिकारी कपूराराम चौधरी ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज कर लिया है। जांच के दौरान निरीक्षण कर सभी पहलुओं को देखा जाएगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सिरोही : न्यायालय के आदेश पर सिरोही के रेवदर पुलिस थाने में गौधाम पथमेड़ा संस्थापक समेत तीन लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है। एफआईआर में धोखाधड़ी और साजिश रचकर बेदखल करने का आरोप लगाया गया है। रेवदर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

दरअसल, गोसेवा के क्षेत्र में प्रसिद्ध गोधाम पथमेड़ा परिवार में इन दिनों आंतरिक विवाद शुरू हो रहा है। सिरोही जिले में 20 साल पहले स्थापित श्री मनोरामा गोलोक तीर्थ के संस्थापक और सहयोगी रहे सुमन सुलभ ब्रह्यचारी महाराज ने रेवदर पुलिसथाने में गोधाम पथमेड़ा के तीन सहयोगियों के खिलाफ साजिश, धोखाधड़ी और गलत आरोप लगाकर नंदगांव से बेदखल करने की बात कही गई है।

मुख्य आरोपी श्रीपतिधाम के संस्थापक गोविंदवल्लभ उर्फ हेमराज प्रजापत और कथाकार विठल महाराज उर्फ दिलीप पुरोहित को बनाया गया है। रेवदर थाना अधिकारी कपूराराम चौधरी ने बताया कि केसुआ नंदगांव स्थित श्री मनोरमा गोलोक तीर्थ निवासी सुमन सुलभ ब्रह्यचारी की ओर से न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर बताया गया है कि वह गोधाम पथमेड़ा सांचौर और सिरोही जिले की श्री मनोरमा गोलोक तीर्थ में 28 साल से गोसेवा कर रहे हैं। साथ ही गुरुकुल का भी संचालन करता है। इस संस्थान में करीब तीन हजार बीघा जमीन की खरीद भी उनके द्वारा ही गई है।

संस्थान की गतिविधियों से यह देशभर में प्रसिद्ध है। वह खुद इस संस्थान के अध्यक्ष समेत कई अन्य पदों पर रहे हैं। उन्होंने गोधाम पथमेड़ा के कुछ सेवादारों पर आरोप लगाकर श्री मनोरमा गोलोक तीर्थ से उसे बेदखल करने का आरोप लगाया है। इन सेवादारों द्वारा इस संदर्भ को लेकर साजिश रची जा रही है। जिसमें गोविन्दवल्लभ निवासी श्रीपतिधाम राजनगर सिरोही, विठलकृष्ण उर्फ दिलीप रामजीराम पुरोहित निवासी कथाकार पथमेडा, ब्रह्यदत्त पुरोहित निवासी नानरवाड़ा सिरोही और रघुनाथसिंह राजपुरोहित समेत कई लोग मुख्य हैं। ये लोग गोधाम पथमेड़ा के प्रभावशाली व्यक्ति के खास राजदार है। इनमें कुछ लोगों के चरित्र पर भी आरोप लगाया है। जिनकी सीडी और ऑडियो भी उपलब्ध होने की बात कही गई है।

रिपोर्ट में यह भी लगाए गए है आरोप
रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों ने सुमन सुलभ को जयपुर बुलाया और फिर श्री मनोरमा गोलोक तीर्थ के मुख्य दरवाजे पर पुलिस जाब्ता लगवाकर प्रवेश निषेद्ध करवा दिया। उनके निजी कक्षों के दरवाजे तोड़कर उसमें रखी सामग्री, नगदी और कीमती माला समेत पूजा सामग्री का सामान चुरा लिया है। साथ ही गुरुकुल में पढ़ रहे विद्यार्थियों और सेवा दे रहे कुछ परिवारों को रात में ही जबरन बाहर निकाल दिया। सुमन सुलभ ने आरोप लगाया कि वो 18 साल की उम्र में गोसेवा करने के लिए इस संस्थान से जुडे़ थे और अब 27 साल के हो गए हैं। ऐसे में जबरन बाहर निकालने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर उन्होंने संस्थान के संस्थापक दत्तशरणानंद महाराज को भी पत्र भेजा था। लेकिन, उनके द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने थाने के रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने भी कार्रवाई नहीं की।

जांच के बाद करेंगे आवश्यक कारवाई
रेवदर थाना अधिकारी कपूराराम चौधरी ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज कर लिया है। जांच के दौरान निरीक्षण कर सभी  पहलुओं को देखा जाएगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच रेवदर पुलिस उप अधीक्षक करेंगे।

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