उदयपुर : नवरत्न कॉम्पलेक्स के पॉश एरिया की डायमंड कॉलोनी में अकेली रहने वाली दो सगी बुजुर्ग बहनों हुसैना बाई (75) और सारा बाई (80) की ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सात दिन बाद सुलझ गई। दोनों की हत्या इनकी तीसरी बहिन जुबेदा की बहू मारिया बोहरा (32) ने की। मारिया ने शेयर बाजार में हुए 12 लाख के घाटे की पूर्ति के लिए मौसेरी सासों को मारा। चौंकाने वाली बात यह है कि 26 अक्टूबर को हत्या के बाद मारिया ने साेने के आभूषण लूटे और अगले ही दिन बैंक में गिरवी रखकर करीब 11 लाख का लोन भी ले लिया।
वह 12वीं तक पढ़ी-लिखी है, लेकिन शेयर बाजार से संबंधित काम करती है। बता दें कि हुसैना बाई के पति याहया अली और सारा के पति अहमद अली की पहले ही मौत हो चुकी है। सारा के संतान नहीं है, जबकि हुसैना का बेटा सैफी दिल्ली में रहकर काम करता है। सारा का मकान यूं तो बोहरवाड़ी में है। लेकिन अकेली होने के कारण वह भी हुसैना के साथ ही रहती थी। इनकी एक बहिन जुबेदा का घर सुखेर के मातवाड़ी इलाके में है। मारिया उनके ही बेटे मुस्तनसिर बोहरा की पत्नी है।
मारिया इतनी शातिर कि 5 बार पुलिस से सामना, पर शक ही नहीं होने दिया
मारिया इतनी शातिर निकली कि पिछले पांच दिन में जांच के दौरान उसका पुलिस से पांच बार आमना-सामना हुआ। वह हर बार पुलिस को मुस्कुराते हुए नमस्कार करती रही, ताकि शक न हो। एसपी भुवन भूषण ने भी जांच के दाैरान मारिया से बातचीत की तो आत्मविश्वास से लबरेज होकर जवाब दिए। उसने ऐसा महसूस कराया मानो उसे इस घटना की जानकारी तक नहीं है। पुलिस ने उसे हिरासत में लेने के बाद करीब 14 घंटे तक लगातार पूछताछ की, लेकिन वह इसी बात पर अड़ी रही कि उसने कुछ नहीं किया। इसके बाद मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाया तो वारदात कबूल कर ली।
15-20 दिन पहले भी नशीली गोलियां खिलाकर बेहोश किया
थानाधिकारी डॉ. हनवंतसिंह राजपुरोहित ने बताया कि मारिया की हुसैना और सारा के गहनों पर लंबे समय से नजर थी। उसने 15-20 दिन पहले भी दोनों की लौकी की सब्जी में नींद की गोलियां मिला दी थीं। दोनों बहनें बेहोश हो गईं, लेकिन घर में काम करने वाली महिला की तीन बच्चियों के मौके पर होने से वारदात नहीं कर पाई। इसके बाद 23 अक्टूबर को उनके घर में काम करने वाली रामकन्या, उसका पति वेणीराम, बेटा विनोद तथा तीन बच्चियां के गांव चले गए। इसके बाद मारिया ने इस वारदात को अंजाम दिया।
हादसे का रूप देने को आग लगाई, पर भड़की नहीं, कुवैत भागने की तैयारी में थी
मारिया व हुसैना का घर 75 मीटर की दूरी पर है। हत्या वाले दिन मारिया 26 अक्टूबर को दोपहर में घर से सरिया लेकर निकली और हुसैना के घर पहुंची। हुसैना सो रही थी और सारा टीवी देख रही थी। उसने सारा की गर्दन दबाई और बाद में सरिये से सिर पर वार किया। वह सोने की चूड़ियां और अन्य जेवर को लूटकर निकल ही रही थी तभी हुसैना जाग गई। मारिया ने सिर पर भी सरिये से वार कर उन्हें भी मार डाला। सबूत नष्ट करने के लिए वह अगले दिन पेट्रोल लेकर हुसैना के घर पहुंची और आग लगा गई, लेकिन कालीन ही जला, बाकी आग ज्यादा नहीं सुलग पाई और मारिया हत्या को हादसे का रूप नहीं दे पाई। इसके बाद नौकर छुट्टी से आ गए। मारिया 1 नवंबर को कुवैत भागने की फिराक में थी। उसने टिकट भी करा लिया था।