[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

विवाह की बुकिंग करें या नहीं:बना हुआ है असमंजस, बुकिंग लेने से कतरा रहे हैं वाहन संचालक


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

विवाह की बुकिंग करें या नहीं:बना हुआ है असमंजस, बुकिंग लेने से कतरा रहे हैं वाहन संचालक

विवाह की बुकिंग करें या नहीं:बना हुआ है असमंजस, बुकिंग लेने से कतरा रहे हैं वाहन संचालक

झुंझुनूं : विधानसभा चुनाव की रणभेरी और देव उठनी ग्यारस पर शादियों की धूम ने वाहन संचालकों की नींद उड़ा रखी है। चुनाव के लिए जिला प्रशासन ने गाड़ियां अधिग्रहण करना शुरू कर दिया है, जबकि शादियों के लिए गाड़ियों की बुकिंग भी चल रही है।

चुनावों के चलते वाहन चालक इस कश्मकश में हैं कि वे देवउठनी ग्यारस के दिन शादी की बुकिंग लें या नहीं। देव उठनी ग्यारस के दो दिन बाद ही 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान है। ऐसे में जिला प्रशासन गाड़ियों को 20 नवंबर से ही अपने अधीन लेकर संबंधित आरक्षित क्षेत्र में खड़ा करवा लेगा और मतदान से एक-दो दिन पहले मतदान दल रवाना होंगे।

पर्चा देकर कर रहे रवाना

जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर जिलेभर में गाड़ियों को अधिग्रहण करने का काम शुरू हो गया है। पहले चरण में सेक्टर प्रभारियों के लिए करीब 150 गाड़ियों का अधिग्रहण किया जा चुका है।

इसके अलावा गश्ती दलों के साथ तैनात गाड़ियों को भी चुनाव ड्यूटी में लगाया जा रहा है। वहीं चुनाव से 15 दिन पहले मतदान दलों के लिए गाड़ियों का अधिग्रहण किया जाएगा। एनवक्त तक गाड़ियों की पूर्ति नहीं होने पर निजी व कॉमर्शियल सभी प्रकार के वाहनों का अधिग्रहण किया जा सकेगा।

प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि अधिग्रहित की गई गाड़ी को चुनाव से पहले रिलीज नहीं किया जा सकता। अगर किसी वाहन को रिलीज किया जाएगा, तो उसके लिए वाहन मालिक को ठोस कारण बताना होगा। रिलीज का अधिकार निर्वाचन अधिकारी के पास होगा।

प्रशासन का रहता किराया कम

चुनावी दौर में जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन की अलग-अलग डिमांड रहती है। जिला प्रशासन की ओर से वाहनों को प्रतिदिन का किराया कम दिया जाता है, जबकि जनप्रतिनिधियों की ओर से किराया और अन्य सुविधाएं बेहतर दी जाती हैं, जिसके चलते वाहन चालक जनप्रतिनिधियों को गाड़ियां किराए पर देना ज्यादा उचित समझते हैं। जनप्रतिनिधि एससी, नॉन एसी व अच्छी कंडीशन की गाड़ियां लेते हैं। जिला प्रशासन को जो भी मिलती है वही अधिग्रहित कर लेते हैं, जिनकी कोई डिमांड नहीं होती।

जरूरत के हिसाब से होगा अधिग्रहण

DTO संजीव दलाल ने बताया कि अभी केवल सेक्टर प्रभारियों के लिए गाड़ियों की व्यवस्था की गई है। अन्य गाड़ियों के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। कितनी गाड़ियां चाहिए कि यह अभी तय नहीं है। जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर जरूरत के हिसाब से गाड़ियों का अधिग्रहण किया जाएगा।

Related Articles