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जिस दुल्हन के लिए 13 दिन इंतजार, वो फिर भागी:पहले शादी के दिन भागी, अब 4 महीने बाद ससुरालवालों को दाल में नींद की गोलियां मिला बेहोश किया


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जिस दुल्हन के लिए 13 दिन इंतजार, वो फिर भागी:पहले शादी के दिन भागी, अब 4 महीने बाद ससुरालवालों को दाल में नींद की गोलियां मिला बेहोश किया

जिस दुल्हन के लिए 13 दिन इंतजार, वो फिर भागी:पहले शादी के दिन भागी, अब 4 महीने बाद ससुरालवालों को दाल में नींद की गोलियां मिला बेहोश किया

पाली : 4 महीने पहले पाली जिले में एक दूल्हे को शादी के लिए 13 दिन तक इंतजार करना पड़ा था। जिस लड़की से वह शादी करने पहुंचा वह ऐन वक्त पर घर से फरार हो गई थी। उस समय लड़की का परिवार दुल्हन को गुजरात से लाया और शादी करवा उसे राजी-खुशी विदा किया।

अब ये ही युवती शादी के बाद दोबारा अपने उसी प्रेमी के साथ फरार हो गई। इस बार फरार होने से पहले उसने सास-ससुर को भी अपने पीहर बुला लिया और यहां पूरे परिवार को नींद की गोली मिलाई हुई दाल खिला दी। सबके बेहोश होने के बाद अपने प्रेमी के साथ भाग गई। पिता ने 7 अक्टूबर को नाणा थाने में बेटी (19) की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पिता ने बताया कि जिस लड़के के साथ वह भागी है वो रिश्ते में भाई (पिता के मामा का पोता) है और नाबालिग भी है।

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

पिता का कहना है कि उसकी बेटी ने दाल में नींद की गोलियां मिला दी। जिस कारण सभी लोग गहरी नींद में सो गए। रात के समय वह प्रेमी के साथ भाग गई
पिता का कहना है कि उसकी बेटी ने दाल में नींद की गोलियां मिला दी। जिस कारण सभी लोग गहरी नींद में सो गए। रात के समय वह प्रेमी के साथ भाग गई

पिता ने बताया- बेटी की शादी सिरोही के कैलाश नगर के मनादर गांव में हुई थी। इसके बाद उसे ससुराल भेज दिया था। 1 अक्टूबर को बेटी का फोन आया था। वह बोल रही थी उसे हमारी याद आ रही है तो लेने आ जाइए।

इस पर मैं 4 अक्टूबर को उसके ससुराल गया और अपने घर ले आया। मुझे पता नहीं था कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है। ससुराल को लेकर पूछा तो हंसते-हंसते जवाब दे रही थी कि वहां सब अच्छा है। किसी की कोई नाराजगी नहीं है।

मेरी पत्नी की दोनों किडनी खराब है। इसलिए गुरुवार को उदयपुर हॉस्पिटल लेकर गया था। उसी दिन हम शाम को आ गए थे। शुक्रवार 6 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे मेरी बेटी ने रुपए मांगे। बोला- बिजापुर (पड़ोसी गांव) जाना है, कुछ सामान लेकर आना है।

पता नहीं था सामान की जगह नीदं को गोलियां लेकर आई है

शाम करीब पौने पांच बजे वह बिजापुर से वापस आ गई थी। हमें पता नहीं था कि वह बिजापुर सामान की जगह नींद की गोलियां लेने गई है। बिजापुर से आने के बाद वह कहने लगी कि मुझे ससुराल जाना है।

शाम पांच बजे उसने अपने सास-ससुर को कॉल किया और कहा कि मुझे लेने आ जाओ। उन्होंने अगले दिन आने का कहा तो बोला- नहीं आज ही लेने आ जाओ, कल सुबह जल्दी कैलाश नगर के लिए निकल जाएंगे। इस पर बेटी के सास-ससुर भी शाम 7 बजे वे आ गए थे। उस दिन मेरी बेटी ने ही खाना बनाया था।

विवाहिता ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर खाना नहीं खाया।
विवाहिता ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर खाना नहीं खाया।

खाना बनाते समय दाल में नींद की गोलियां डाली

सास-ससुर के आने के बाद उसने सभी के लिए दाल और रोटी बनाई थी। रात करीब आठ बजे बाद उसने सभी को खाना परोसा। इसके बाद उससे खाने के बारे में पूछा तो बाेली- मेरी तबीयत खराब है। इसके बाद वह घर में ही टहलने लगी।

कुछ देर बाद आकर बोली मुझे किसी डॉक्टर के पास ले जाओ, मेरी तबीयत खराब हो रही है। लेकिन, पत्नी के डायलासिस और बेटी को रुपए देने के बाद मेरे पास कुछ बचा नहीं था। मैं उसे भोपाजी के पास ले गया। वहां उसने झाड़-फूंक किया। रात करीब 9 बजे बाद घर आ गए। भोपे के पास से लौटने के बाद वह सही दिख रही थी।

गोलियों का असर शुरू होने लगा, बेटी कमरे में थी

पिता ने बताया- रात में गोलियों का असर दिखने लगा था। सभी को नींद आने लगी। बेटी अगल कमरे में जाकर सो गई। हम सभी लोग बाहर सो गए। सुबह जब उठे तो बेटी को चाय बनाने के लिए आवाज लगाई। लेकिन, उसने जवाब नहीं दिया।

हमने सोचा तबीयत खराब है इसलिए सो रही होगी। करीब आधे घंटे बाद जब उसकी मां ने आवाज दी तो वह बाहर नहीं आई। कमरे में जाकर देखा तो बेटी गायब थी। तब हमें सुबह पता चला कि बेटी ने हमें दाल में नींद की गोलियां मिलाकर खिला दी थी। शक हुआ कि वह दोबारा कहीं उसी लड़के के साथ नहीं भाग गई हो।

3 मई को दोनों की शादी थी। इस बीच पेट दर्द का बहाना बनाकर दुल्हन भाग गई थी। 13 दिनों बाद दुल्हन को ढूंढकर दोनों की शादी की गई थी।
3 मई को दोनों की शादी थी। इस बीच पेट दर्द का बहाना बनाकर दुल्हन भाग गई थी। 13 दिनों बाद दुल्हन को ढूंढकर दोनों की शादी की गई थी।

रिश्तेदार के यहां पहुंचे तो पता चला वो 10 दिन से घर में नहीं है

हमारी बेटी पहले भी इसी लड़के के साथ गई थी। इसके बाद मै, मेरी पत्नी और बेटी के ससुराल वाले मेरे मामा के यहां पहुंचे। मामा के बड़े बेटे से उनके लड़के के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि हमारा लड़का 10 दिन से घर नहीं है।

इसके बाद हम शाम को घर आ गए। घर पहुंचे तो दूसरी बेटी ने बताया कि बड़ी बहन मोबाइल छोड़कर गई है। मोबाइल चैक किया तो दो नंबर थे, जिन पर लास्ट में बात हुई थी। इन दोनों नंबर पर कॉल किया तो एक दुदनी गांव के लक्ष्मण का था, जो जालोर में मार्बल का काम करता है और दूसरा प्रवीण नाम के लड़के का था।

पिता का आरोप है कि इन दोनों लड़कों ने पहले भी मेरी बेटी और लड़के को भगाने में मदद की थी। इसके बाद इन्होंने मुझे धमकी दी कि दोनों का पीछा मत करना हम स्टार गैंग से जुड़े हैं।

पिता ने बताया कि इधर, मेरी बेटी के ससुराल वाले मुझे धमकी दे रहे है और झगड़ा कर रहे हैं कि हमारी बहू वापस लाकर दो। बेटी नहीं लौटी तो बेटी के ससुराल वाले धमकाने लगे।

13 दिन तक बारात लड़की के घर पर ही रही थी। लड़की के पिता ने लड़के वालों से वादा किया था कि किसी भी हालत में वे दोनों की शादी करवाएंगे।
13 दिन तक बारात लड़की के घर पर ही रही थी। लड़की के पिता ने लड़के वालों से वादा किया था कि किसी भी हालत में वे दोनों की शादी करवाएंगे।

3 मई को हुई थी शादी, 13 दिन तक दूल्हा करता रहा इंतजार

पिता ने बताया कि इससे पहले बेटी फेरे से पहले भाग गई थी। बारात घर तक आ गई थी। लेकिन, इस बीच बेटी पेट दर्द का बहाना बनाकर फरार हो गई थी। फेरों का समय हो गया था। पंडित जी ने दूल्हे को मंडप में बैठा लिया था। सभी लोग इंतजार करने लगे कि दुल्हन अभी तक आई नहीं। इस पर हम लोगों ने बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है और कुछ देर रुकने को कहा। इधर, हम लोग बेटी को ढूंढने में लग गए। काफी देर बाद नहीं मिली तो पंडित बार-बार दुल्हन को बुलाने का कहने लगे।

मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि कैसे बताऊं कि बेटी फरार हो गई और मिल नहीं रही है। लेकिन, जब माहौल थोड़ा गर्म होने लगा तो मैंने बता दिया कि बेटी भाग गई है और वह अब नहीं मिल रही है। इतना सुनते ही सारे बाराती भड़क गए और हमें ताने मारने लगे।

मां के इलाज के दौरान शुरू हुई थी प्रेम कहानी

3 मई को जब लड़की भाग गई तो पुलिस ने पड़ताल शुरू की। सामने आया कि लड़की के मां की दोनों किडनी खराब है और उदयपुर में इलाज चल रहा था और वहां डायलिसिस होता था। पिता जब भी उदयपुर डायलिसिस करवाने जाते तो वे अपने मामा के पोते को कहकर जाते, ताकि घर में कोई काम हो तो बेटियों को परेशानी न हो। इसी दौरान नाबालिग और बेटी के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि जब ये रिश्ता तय हुआ तो बेटी ने शादी करने से भी मना कर दिया था। पत्नी की हालत को देख पिता ने रिश्ता कर दिया। हालांकि जब गुजरात से दुल्हन को लेकर पहुंचे तो दूल्हे के साथ शादी करने के लिए राजी हो गई।

13 दिन बाद दुल्हन को गुजरात से दस्तयाब किया था। जिसके बाद दोनों की शादी की गई थी।
13 दिन बाद दुल्हन को गुजरात से दस्तयाब किया था। जिसके बाद दोनों की शादी की गई थी।

मामला बढ़ा तो पिता ने बेटी से ही शादी करने का वादा किया

पिता ने बताया बेटी के गायब होने की बात दूल्हे को पता चली तो एक बार वह भी भड़क गया और गुस्सा होने लगा। मुझे भी बुरा लगा क्योंकि दूल्हे और उसके परिवार की तो कोई गलती नहीं थी। इस पर मैंने उससे वादा किया कि ‘चाहे जमीन हो या आसमान, चाहे घर बिक जाए या जमीन, बेटी को आपके साथ शादी करवाकर भेजूंगा, आप इंतजार करो।’ इसके बाद बेटी की तलाश शुरू की गई।

मामला इतना बढ़ गया था कि बात मेरी इज्जत पर आ गई। घर पर आई बारात को मैं कैसे जाने देता। दूल्हे को जब भरोसा दिलाया कि उसकी शादी मेरी बेटी से ही होगी तो वह थोड़ा शांत हुआ और मेरी बात भी मान ली।

बेटी को ढूंढने का वादा करने के बाद मैंने पुलिस और गांववालों के साथ तलाश शुरू की। इस दौरान सिरोही के पिंडवाड़ा, सरूपगंज, आबूरोड और पाली जिले के आस-पास गांवों में तलाश ली। ्रमोबाइल नंबर से जब उसकी लोकेशन ट्रेस की तो वह गुजरात के विसनगर में आई।

आखिर 15 मई को बेटी को लेकर गांव आए। 16 मई को शादी के बाद बेटी को विदा किया था। गौरतबल है कि युवती 10वीं तक पढ़ी हुई है। वहीं उसका पति आंध्र प्रदेश में मिठाई की दुकान पर काम करता है।

13 दिन में 35 हजार का खाना और नाश्ता की व्यवस्था की थी

दुल्हन जब नहीं लौटी तो दूल्हे और उसके मां-बाप समेत 25 बाराती मौके पर ही रुके रहे थे। पहले दिन हलवाई ने खाना बनाया था। इसके बाद दोनों पक्ष ही घर में खाना बनाने लगे थे। दोनों परिवार के घर की महिलाएं सभी लोगों के लिए खाने की व्यवस्था करती। इस दौरान करीब 35 हजार रुपए का खर्च आया था।

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