जयपुर : कोरोना काल में सब खो चुके बच्चों को वयस्क होने पर मिलेगी नौकरी, सर्विस नियम में संशोधन की मंजूरी
सीएम गहलोत ने बड़ा ही संवेदनशील फैसला लेते हुए सर्विस रूल में संशोधन को मंजूरी देने को फैसला लिया है। इस फैसले से कोरोना से अपनों को खो चुके बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी मिल सकेगी।
जयपुर : कोरोनाकाल में हजारों बच्चों ने अपने मां-बाप को खो दिया। उनकी मौत के बाद वे अनाथ हो गए। उनके लिए अपना जीवनयापन करना भी मुश्किल हो गया था, लेकिन राजस्थान सरकार ने उन्हें संबल देने की पहल की है। सरकार ने ऐलान किया है कि वह कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर अनुकम्पात्मक नियुक्ति देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को प्रशासनिक स्वीकृति दी है।
ये होंगे पात्र
कार्मिक विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, अनाथ हुए बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर पे मैट्रिक्स एल-9 में नियुक्ति दी जाएगी। प्रस्ताव के अनुसार, वह अनाथ बालक/बालिका नियुक्ति प्राप्त कर सकेंगे, जिनके जैविक अथवा दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता की मृत्यु कोरोना के कारण 31 मार्च, 2023 या इससे पूर्व हो चुकी हो।
साथ ही, ऐसे अनाथ बालक/बालिका जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु पूर्व में हो चुकी हो और दूसरे की मृत्यु कोरोना के कारण 31 मार्च 2023 या उससे पूर्व हुई हो, अनाथ होने के समय जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक नहीं हो, उन्हें भी इसके तहत नियुक्ति दी जा सकेगी।
बजट में की थी घोषणा
प्रस्ताव में अनाथ के माता-पिता की मृत्यु की अंतिम दिनांक मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना-2021 में प्रावधित 15 अक्टूबर, 2022 से विस्तारित करते हुए 31 मार्च, 2023 की गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में कोरोना के कारण अनाथ हुए बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की थी।