जैसलमेर : जैसलमेर में मिला पहले शाकाहारी डायनासोर का अवशेष, वैज्ञानिकों ने किया ये बड़ा खुलासा
वैज्ञानिकों ने थार के रेगिस्तान में मिले इस जीवाश्म को भारत के थार का डायनासोर नाम दिया है। इससे पहले वैज्ञानिकों ने 2014 और 2016 में भी जैसलमेर के जेठवाई क्षेत्र में ऐसे ही डायनासोर के जीवाश्म खोजे थे।
Rajasthan: IIT रुड़की और GAI के वैज्ञानिकों ने जैसलमेर से 20 किमी. दूर जेठवाई क्षेत्र में शाकाहारी डायनासोर के जीवाश्म खोजे है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डायनासोर का यह जीवाश्म 16 करोड़ साल पुराना है। इससे इस बात की पुष्टि हुई है कि कच्छ बेसिन के क्षेत्र में 16 करोड़ साल पहले शाकाहारी डायनासोर रहते थे।
वैज्ञानिकों ने थार के रेगिस्तान में मिले इस जीवाश्म को भारत के थार का डायनासोर नाम दिया है। इससे पहले वैज्ञानिकों ने 2014 और 2016 में भी जैसलमेर के जेठवाई क्षेत्र में ऐसे ही डायनासोर के जीवाश्म खोजे थे। वैज्ञानिकों की मानें तो जैसलमेर का यह क्षेत्र डायनासोर बेसिन हो सकता है। लगातार मिल रहे जीवाश्मों के अवशेषों को देखते हुए कच्छ बेसिन से लगते इस बेसिन में डायनासोर की अन्य प्रजातियों के अवशेष मिल सकते है। डायनासोर की इन प्रजातियों का रंग ब्राउन होता था ये छोटे-छोटे शतुरमुर्ग की तरह दिखते थे।
भारत ने चीन को छोड़ा पीछे
जीएसआई के वैज्ञानिकों ने बताया कि भारत में पहली बार इस प्रजाति का डायनासोर मिला है। यह करीब 40 फीट लंबे होते थे। इनकी गर्दन और पूंछ छोटी होती थी। भारत में इससे पहले कभी शाकाहारी प्रजाति का डायनासोर नहीं मिला था। इससे पहले डाईक्रेओसोराइड चीन में मिले जीवाश्म को सबसे प्राचीन समझा जाता था। भारत में हुई इस ताजा खोज ने डायनासोर के चीन में मिले जीवाश्म को 10 से 30 लाख साल पीछे छोड़ दिया है।