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झुंझुनूं : विश्व की सबसे मोटी पुस्तक प्रकाशित करने पर मिला इनफ्लूएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड सम्मान


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झुंझुनूं : विश्व की सबसे मोटी पुस्तक प्रकाशित करने पर मिला इनफ्लूएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड सम्मान

विश्व की सबसे मोटी पुस्तक प्रकाशित करने पर मिला इनफ्लूएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड सम्मान

झुंझुनूं : जिले के दो प्रोफेसर को इनफ्लूएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मान मिला है। जानकारी के अनुसार महारानी गर्ल्स पीजी कॉलेज अलसीसर के प्राचार्य पद पर कार्यरत डॉ. मुकेश शर्मा व सिंघानिया विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविंद्र कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से विश्व की सबसे मोटी पुस्तक प्रकाशित की है।

इनके द्वारा बनाए गए इस विश्व कीर्तिमान के लिए इनफ्लूएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने मान्यता प्रदान की है। दोनों को सर्टीफिकेट व मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक एसएन पब्लिशिंग कंपनी द्वारा प्रकाशित की गई है। जिसमें 12 हजार 104 पेज है तथा इस पुस्तक की मोटाई 26.5 इंच है। इसका वजन 29 किलो से अधिक है। इससे पहले विश्व की सबसे मोटी पुस्तक की मोटाई 19.5 इंच थी।

स्टडी ऑफ एनवायरमेंट एंड मेडिकल साइंसेज नाम से प्रकाशित इस पुस्तक को 45 अध्यायों के साथ बनाया गया है। इसमें देश व राजस्थान में पाए जाने वाले औषधीय पौधों की भौगोलिक स्थिति व उपयोगिता के बारे में तथा चिकित्सा भूगोल, पर्यावरण भूगोल, संसाधन भूगोल आदि पर अध्ययन किया गया है। डॉ. शर्मा की ओर से पहले विश्व का सबसे बड़ा शोध पत्र स्थापित करने का रिकॉर्ड भी है। इन दोनों ने भारत के अलावा मिस्र, पाकिस्तान, अमेरिका, तुर्की, अजरबैजान, इंडोनेशिया, इटली, जर्मनी आदि देशों में भी शोध पत्र पेश किए है।

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