SFI ने SNKP महाविद्यालय के बाहर HECI विधेयक 2025 के खिलाफ किया प्रदर्शन
SFI ने SNKP महाविद्यालय के बाहर HECI विधेयक 2025 के खिलाफ किया प्रदर्शन
जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत
नीमकाथाना : स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) द्वारा आज एसएनकेपी महाविद्यालय के बाहर केंद्र सरकार के ‘विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान (HECI) विधेयक 2025’ के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया गया। छात्र संगठन ने इस विधेयक को उच्च शिक्षा के केंद्रीकरण, व्यवसायीकरण और वैचारिक नियंत्रण की दिशा में एक खतरनाक कदम बताया।
“शिक्षा के केंद्रीकरण की साजिश”-विक्रम यादव
SFI के जिला महासचिव विक्रम यादव ने कहा कि छात्र संगठन केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा उच्च शिक्षा आयोग (HECI) विधेयक को मंजूरी देने के फैसले का कड़ा विरोध करता है। उन्होंने बताया कि यह विधेयक पहले वर्ष 2018 में ‘विकसित भारत शिक्षा अधिकारी’ के नाम से लाया गया था। इसका उद्देश्य UGC, AICTE और NCTE जैसी स्वायत्त संस्थाओं को समाप्त कर एक केंद्रीय नियामक ढांचा स्थापित करना है, जो शिक्षा के लोकतांत्रिक स्वरूप के खिलाफ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि NDA के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कॉरपोरेट पूंजीवादी हितों और RSS के वैचारिक एजेंडे को साधते हुए शिक्षा के केंद्रीकरण, व्यवसायीकरण और सांप्रदायिकरण का प्रयास कर रही है। HECI विधेयक उसी एजेंडे को अंतिम रूप देने का प्रयास है।
“अनुदान से ऋण की ओर धकेली जाएगी शिक्षा” – किरण सैनी
जिला संयुक्त सचिव किरण सैनी ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से उच्च शिक्षा संस्थानों के वित्तपोषण और संचालन प्रणाली में व्यापक बदलाव होंगे, जिसका सीधा असर आम छात्रों पर पड़ेगा। UGC को भंग करने से गैर-पेशेवर उच्च शिक्षा संस्थानों को भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि अनुदान की अवधारणा समाप्त कर शिक्षा को ऋण आधारित मॉडल में बदल दिया जाएगा, जिससे उच्च शिक्षा केवल अमीर वर्ग तक सीमित रह जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि जनता, बुद्धिजीवियों और छात्र संगठनों की आलोचनाओं को नजरअंदाज कर विधेयक को मंजूरी देना केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये को दर्शाता है। HECI की संरचना भी संदेहास्पद है, जिसमें 12 में से 9 सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी, जिससे सारी शक्तियां केंद्र के हाथों में सिमट जाएंगी।
“संघीय ढांचे और समावेशी शिक्षा पर हमला” – दीपक रावत
SFI के इकाई महासचिव दीपक रावत ने कहा कि HECI विधेयक 2025 एक असंवैधानिक कदम है, जो देश की संघीय व्यवस्था और समावेशी शिक्षा प्रणाली के लिए सीधा खतरा है। इसका सबसे ज्यादा असर वंचित, गरीब और हाशिए पर रहने वाले छात्रों पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक शिक्षा को एक ऐसी वस्तु बना देगा जिसे केवल धनवान लोग ही खरीद सकेंगे। SFI इस एकतरफा निर्णय की कड़ी निंदा करता है और केंद्र सरकार से इस विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग करता है। साथ ही छात्र समुदाय और आम जनता से इस जनविरोधी विधेयक के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
ये रहे उपस्थित
प्रदर्शन के दौरान जिला महासचिव विक्रम यादव, जिला संयुक्त सचिव किरण सैनी, मयंक शर्मा, कशिश, अमित चेची, दीपक रावत, रितु यादव, अनुराधा, टीना सैनी, नेहा शर्मा, मोहित यादव, बिट्टू यादव, मोहित हरियाणा, दीपक, यशवीर, संजय, बसंत, राज सहित अनेक SFI कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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