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‘पेंशन खैरात नहीं, यह सालों की सेवा का सम्मान है’:झुंझुनूं में पेंशनर्स बोले- रिटायरमेंट नई जिम्मेदारी की शुरुआत


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‘पेंशन खैरात नहीं, यह सालों की सेवा का सम्मान है’:झुंझुनूं में पेंशनर्स बोले- रिटायरमेंट नई जिम्मेदारी की शुरुआत

'पेंशन खैरात नहीं, यह सालों की सेवा का सम्मान है':झुंझुनूं में पेंशनर्स बोले- रिटायरमेंट नई जिम्मेदारी की शुरुआत

झुंझुनूं : झुंझुनूं में जिला मुख्यालय स्थित पेंशनर भवन में ‘राष्ट्रीय पेंशन दिवस’ के मौके पर राजस्थान पेंशनर समाज की जिला शाखा द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले भर से आए बड़ी संख्या में पेंशनरों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत परंपरा और सम्मान के साथ हुई। संगठन में शामिल हुए नए सदस्यों का वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर और माल्यार्पण कर रिटायरमेंट के बाद नई पारी की शुरुआत के लिए स्वागत किया गया।

इस दौरान वरिष्ठ पेंशनरों ने अपने सेवाकाल के संस्मरण साझा किए। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सेवानिवृत्ति केवल सरकारी सेवा का अंत है, समाज सेवा और संगठन के प्रति उत्तरदायित्व की नई शुरुआत है।

मीटिंग में मौजूद लोग।
मीटिंग में मौजूद लोग।

संगठन की शक्ति से करेंगे समस्याओं का समाधान

जिला अध्यक्ष नेमीचंद पूनिया ने कहा- संगठन में ही शक्ति है। पेंशनर समाज की समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब प्रत्येक सदस्य जागरूक होकर सक्रिय भागीदारी निभाए। उन्होंने संगठन की मजबूती पर बल देते हुए विश्वास दिलाया कि जिला शाखा हर पेंशनर की सेवा और सहयोग के लिए 24 घंटे तत्पर है।

प्रशासनिक मुद्दों और चिकित्सा सुविधाओं पर चर्चा

सचिव चंद्रप्रकाश धूपिया ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए पेंशनरों के अधिकारों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पेंशन कोई खैरात नहीं, बल्कि वर्षों की गई सेवा का प्रतिफल और सम्मान है। कार्यक्रम के दौरान एक ‘खुली चर्चा’ का सत्र आयोजित किया गया। जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें समय पर पेंशन भुगतान प्रक्रिया में आने वाली तकनीकी बाधाओं को दूर करने की मांग की। इस दौरान RGHS के तहत दवाओं की उपलब्धता और अस्पतालों में बेहतर उपचार पर चर्चा हुई।

सामूहिक संकल्प और आगामी रणनीति पर मंथन

कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित सदस्यों ने अपनी मांगों के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करने और संगठन को और अधिक विस्तारित करने का संकल्प लिया। पदाधिकारियों ने आश्वस्त किया कि पेंशनरों द्वारा उठाई गई सभी समस्याओं और प्रशासनिक अड़चनों को संबंधित विभागों एवं जिला प्रशासन के समक्ष प्रभावी ढंग से रखा जाएगा ताकि उनका शीघ्र निस्तारण हो सके।

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