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मारवाड़ी घोड़ों ने 40-60 KM दौड़ में जीते मेडल:डूंडलोद में राष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता संपन्न, पायल घोड़े ने जीता प्रथम स्थान


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मारवाड़ी घोड़ों ने 40-60 KM दौड़ में जीते मेडल:डूंडलोद में राष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता संपन्न, पायल घोड़े ने जीता प्रथम स्थान

मारवाड़ी घोड़ों ने 40-60 KM दौड़ में जीते मेडल:डूंडलोद में राष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता संपन्न, पायल घोड़े ने जीता प्रथम स्थान

डूंडलोद : भारतीय घुड़सवारी महासंघ के तत्वावधान में राजस्थान घुड़सवारी संघ की ओर से 5 से 7 दिसंबर तक आरईपीसी पोलो ग्राउंड में राष्ट्रीय क्वालीफायर और चैंपियनशिप प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन में 40 किलोमीटर राष्ट्रीय क्वालीफायर और 60 किलोमीटर राष्ट्रीय चैंपियनशिप घुड़दौड़ शामिल थी, जिसका हाल ही में समापन हुआ। प्रतियोगिता में मारवाड़ी घोड़ों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपना दबदबा कायम रखा।

40 किलोमीटर घुड़दौड़ में शुशील डूंडलोद ने पायल घोड़े पर सवार होकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। मेघना शेखावत ने मस्तानी पर सवार होकर दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि रिशलदार जगताप दीपक शिवम ने आर्यन घोड़े के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। अग्निवीर नरेंद्र ने मानस घोड़े पर सवार होकर चौथा स्थान हासिल किया।

60 किलोमीटर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में राजस्थान की टीम ने स्वर्ण पदक जीता। इस टीम में सांतुन व्यास (घोड़ा बिजली), मान्य शक्तावत (घोड़ा थंडरबोल्ट) और रक्षा (घोड़ा चेतक) शामिल थे। इन मारवाड़ी घोड़ों की टीम ने प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया।

40 किलोमीटर की दौड़ में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार 40 किलोमीटर की दौड़ में क्वालीफाई करने वाले घोड़े ही 60 किलोमीटर की दौड़ में अगले वर्ष भाग ले लेंगे। इसी क्रम में डूंडलोद में संपन्न हुई 60 किलोमीटर की घुड़दौड़ में अव्वल रहने वाले प्रतिभागी 80 किलोमीटर की आगामी दौड़ में हिस्सा लेने के पात्र होंगे।

दूसरा स्थान 61 कैवलरी की टीम ने प्राप्त किया, जिसने रजत पदक जीता। इस टीम में रेसलदार टाइटेन सचिन रामनाथ (घोड़ा तकदीर), दफेदार शेलर किरण (घोड़ा ताबीज), अग्निवीर ठाडे प्रतीक (घोड़ा ट्रांसफार्मर), अग्निवीर प्रभाकर सिंह (घोड़ा टिम्बर) और अग्निवीर गोडेकर रोहित (घोड़ा तानाजी) शामिल थे।

तीसरा स्थान भी राजस्थान की एक अन्य टीम ने हासिल किया, जिसने कांस्य पदक जीता। इस टीम के सदस्यों में रामूराम (घोड़ा भीम), जयप्रकाश (घोड़ा स्प्रिंग) और चानाराम (घोड़ा मिस ग्रालनयस) शामिल थे।

60 किलोमीटर की टीम घुड़दौड़ में कुल पांच प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं। दौड़ के दौरान होने वाले मेडिकल चेकअप में अनफिट पाए जाने या समय पर नहीं पहुंचने पर घोड़ों को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाता है। टीम को प्रतियोगिता में बने रहने के लिए पांच में से कम से कम तीन घोड़ों का फिट रहना अनिवार्य होता है।

इस प्रतियोगिता के सफल संचालन में कर्नल सर प्रताप सिंह, जूरी अशोक यादव, वेटनरी हेड कर्नल लाकर और डॉ. राजेश यादव के नेतृत्व में अरावली वेटनरी कॉलेज की टीम ने महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया। व्यक्तिगत वर्ग में सांतुन व्यास ने बिजली घोड़े के साथ पहला स्थान प्राप्त किया। अंश कर्णावत ने महिमा घोड़े पर सवार होकर दूसरा, जयप्रकाश ने स्प्रिंग घोड़े के साथ तीसरा और प्रियंका पाराशवाल ने आईजी घोड़े पर सवार होकर चौथा स्थान हासिल किया।

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