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एलसी नंबर 76 अंडरपास नहीं बनने से आमजन परेशान, बारिश में ज्यादा बढ़ता है मौत का जोखिम


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एलसी नंबर 76 अंडरपास नहीं बनने से आमजन परेशान, बारिश में ज्यादा बढ़ता है मौत का जोखिम

दर्द: हर रोज खतरे की पटरी पर चलती है जिंदगी

नीमकाथाना : एलसी नंबर 76 पर अंडरपास का निर्माण वर्षों से अधर में लटका हुआ है। इसका खामियाजा रोजाना हजारों लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर भुगतना पड़ रहा है। यह रेलवे क्रॉसिंग क्षेत्र के लिए एकमात्र प्रमुख संपर्क मार्ग है, लेकिन अंडरपास के अभाव में लोगों को तेज रतार ट्रेनों और जर्जर वैकल्पिक अंडरपास के बीच से गुजरना पड़ता है। हालत यह है कि यहां हर दिन जान हथेली पर रखकर लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए ट्रैक पार करने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं और मरीजों को होती है। बारिश के दिनों में हालात और भयावह हो जाते हैं। कीचड़, पानी से भरे गड्ढ़े और फिसलन ट्रैक पार करना और भी मुश्किल बना देते हैं। कई बार तो मरीजों को अस्पताल ले जाने के रास्ते में ही आरओबी पर लगे जाम में इंतजार में फंसे रहना पड़ता है। आपात स्थिति में समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने का डर रहता है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई मौकों पर लोगों को अंतिम संस्कार के लिए अर्थी तक को ट्रैक पार कराना पड़ा है। परिजन अपने प्रियजन की अंतिम यात्रा में भी डर और खतरे के बीच मजबूरन इस रास्ते से गुजरते हैं। सवाल यह है कि आखिर कब तक लोग जान जोखिम में डालकर पटरी पार करते रहेंगे।

डीएफ सीसी ट्रैक, हो चुके है दर्जनों हादसे

इस मार्ग पर डीएफ सीसी ट्रैक भी मौजूद है, जिस पर दिनभर तेज रतार से मालगाड़ियां दौड़ती रहती हैं। ट्रैक के विद्युतीकरण के कारण कई बार ट्रेन की आवाज समय पर सुनाई नहीं देती, जिससे अब तक कई हादसे हो चुके हैं। रेलवे ने सुरक्षा के लिहाज से दोनों ओर दीवार जरूर बना रखी है, लेकिन इसके बावजूद लोग शॉर्टकट के चक्कर में अवैध रूप से वैकल्पिक रास्ता बनाकर ट्रैक पार कर रहे हैं। यह स्थिति हर दिन आमजन की जान के लिए बड़ा खतरा बनी हुई है।

आंदोलनों के बाद नहीं निकला हल

अंडरपास के लिए स्थानीय लोग बार-बार ज्ञापन, धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन अब तक ठोस समाधान नहीं निकल पाया। कागजी कार्रवाई से लेकर आंदोलन, धरना-प्रदर्शन और रोड जाम तक सभी प्रयास किए जा चुके हैं। जनता की ओर से 111 दिन तक लगातार धरना दिया गया, फिर भी जिमेदार विभागों की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि अंडरपास का निर्माण नहीं होना क्षेत्र के विकास पर भी सीधा असर डाल रहा है। व्यापार, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं सभी प्रभावित हैं। लोगों की मांग है कि ंडरपास का निर्माण प्राथमिकता से कराया जाए।

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर में दर्ज करवाया मामला

अंडरपास निर्माण का मामला अब राज्य की राजधानी पहुंच गया है। इसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता बनवारीलाल ढबास ने राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर में शिकायत दर्ज कराई है। ढबास ने बताया कि यह समस्या 2018 से लगातार हर जनप्रतिनिधि, नेता और अधिकारियों के सामने उठाई जा रही है, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकल पाया। बार-बार सिर्फ सर्वे, प्रस्ताव और आश्वासन ही मिलते रहे। इसको लेकर लोग तत्कालीन सांसद सुमेधानंद सरस्वती के माध्यम से तत्कालीन रेल राज्य मंत्री से दिल्ली में भी मिल चुके हैं। अब हर पटल पर इस मामले को उठाया जाएगा और हर हालत में अंडरपास बनवाकर ही रहेंगे।

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