जंजीरों में कैद तेजपाल के इलाज के लिए घर पहुंचे अधिकारी
जयपुर रेफर करने से परिजनों का इंकार, घर पर ही उपचार की मांग
मंडावा : गांव वाहिदपुरा निवासी 35 वर्षीय तेजपाल मेघवाल पिछले 15 वर्षों से मानसिक विक्षिप्तता के चलते जंजीरों में कैद जिंदगी जी रहा है। कक्षा 8वीं तक पढ़ने के बाद वह झुंझुनूं में सिलाई का काम सीखकर मजदूरी करने लगा था, लेकिन करीब चार वर्ष बाद उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। परिजनों के अनुसार उसकी असहनीय हरकतों के कारण उन्हें मजबूरी में उसे पेड़ के नीचे लोहे की जंजीरों से बांधकर रखना पड़ा। तेज धूप, सर्दी और बारिश-हर मौसम में वह इसी पेड़ के नीचे बंधा रहता है।
22 नवबर 2025 के राजस्थान पत्रिका अंक में खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी सुनिता धायल टीम के साथ वाहिदपुरा पहुंचीं। उन्होंने मौके पर देखा कि तेजपाल को पेड़ के सहारों से बांधा गया है और उसकी मानसिक स्थिति गंभीर है। तेजपाल के परिवार में उसकी वृद्ध मां, छोटा भाई किशोर, भाभी मधु देवी और उनके बच्चे रहते हैं। अधिकारी ने बताया कि तेजपाल की मां ने उसे जयपुर रेफर करने से इंकार कर दिया और घर पर ही इलाज करवाने का आग्रह किया।
परिवार का कहना है कि तेजपाल के पिता भी मानसिक रूप से विक्षिप्त थे। बड़ा भाई अभिमन्यु भी मानसिक रोग से पीड़ित है, जिसे पहले झुंझुनूं के खेतान अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वह वहां से भाग गया और आज तक वापस नहीं लौटा। तेजपाल का भी पहले सीकर में इलाज कराया गया था, लेकिन घर लौटने के बाद उसकी स्थिति फिर बिगड़ गई। तेजपाल की मां का कहना है कि वह उसका उपचार घर पर ही करवाना चाहती हैं, क्योंकि बाहर ले जाने पर उसकी हालत और बिगड़ जाती है।
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