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झुंझुनूं में हीरवाना के ग्रामीणों ने किया विरोध:बोले- दूरी बढ़ी तो परेशानियां बढ़ेंगी, न्याय नहीं मिला तो करेंगे चुनाव बहिष्कार


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झुंझुनूं में हीरवाना के ग्रामीणों ने किया विरोध:बोले- दूरी बढ़ी तो परेशानियां बढ़ेंगी, न्याय नहीं मिला तो करेंगे चुनाव बहिष्कार

झुंझुनूं में हीरवाना के ग्रामीणों ने किया विरोध:बोले- दूरी बढ़ी तो परेशानियां बढ़ेंगी, न्याय नहीं मिला तो करेंगे चुनाव बहिष्कार

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में हाल ही में नई ग्राम पंचायतों के गठन के बाद कई क्षेत्रों में खुशी का माहौल है, वहीं कुछ जगहों पर लोगों में नाराजगी भी गहराती दिख रही है। गुढ़ागौड़जी क्षेत्र के राजस्व गांव हीरवाना के ग्रामीणों ने नवगठित पंचायत व्यवस्था के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें बिना किसी जनभावना और वास्तविक स्थिति को समझे गलत ग्राम पंचायत में जोड़ दिया गया है, जिससे आने वाले समय में उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

पुनर्विचार की मांग

रविवार को हीरवाना गांव के ग्रामीण श्री कृष्ण गोशाला चंवरा हीरवाना में एकत्र हुए और सरकार के इस निर्णय के विरोध में बैठक की। बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया और फैसला किया कि वे समूचे मामले को लेकर जिला प्रशासन से पुनर्विचार की मांग करेंगे।

पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने की चेतावनी

ग्रामीणों ने कहा कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई और गांव को पूर्व की भांति मैनपुरा या नजदीकी चंवरा पंचायत में शामिल नहीं किया गया, तो वे आगामी पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने को मजबूर होंगे।

हीरवाना सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर

ग्रामीणों का मुख्य तर्क दूरी को लेकर है। हीरवाना गांव से पूर्व पंचायत मैनपुरा की दूरी मात्र 500 मीटर है और दोनों गांवों की राजस्व सीमाएं एक-दूसरे से सटी हुई हैं। इसके बावजूद प्रशासन ने हीरवाना को हटाकर नवगठित ग्राम पंचायत गढ़ला कलां में जोड़ दिया, जिसकी दूरी गांव से 10 से 15 किलोमीटर है।

ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत के कार्यों और आवागमन के लिए इतना लंबा फासला तय करना आमजन के लिए बेहद कठिन होगा। उन्होंने कहा कि चंवरा पंचायत भी उनसे केवल तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और उनकी सीमाएं भी हीरवाना से सीधे जुड़ी हैं। ऐसे में चंवरा या मैनपुरा के बजाय दूरस्थ गढ़ला कलां में शामिल करना ग्रामीणों के हितों के खिलाफ है।

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